उत्तराखंड में एक बार फिर प्रकृति का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है। भारी बारिश और बादल फटने के चलते राज्य के विभिन्न स्थानों पर 14 लोगों ने जान गंवा दी व कई घायल हो गए। इन हालाताें को देखते हुए वीरवार को केदारनाथ यात्रा स्थगित कर दी गयी। भारी बारिश से गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल रास्ते पर भीमबली में 20-25 मीटर का मार्ग बह गया तथा पहाड़ों से बड़े-बड़े पत्थर आ गए।
बताया जा रहा है केदारनाथ यात्रा मार्ग से 3300 श्रद्धालुओं को रेस्क्यू किया गया है, इनमें से 700 श्रद्धालुओं को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया है। पैदल मार्ग पर फंसे 1500 से अधिक यात्रियों को भी सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा चुका है। 700 श्रद्धालुओं को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया है, जबकि बाकी लोगों को राज्य आपदा प्रतिवादन बल, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल सहित अन्य बचाव दलों के सहयोग से वैकल्पिक रास्तों से पैदल बाहर लाया गया ।
इस संबंध में रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन की ओर से यात्रियों को एक परामर्श जारी कर कहा गया है कि केदारनाथ दर्शनों के लिए रुद्रप्रयाग तक पहुंचे तीर्थयात्री फिलहाल जहां हैं, वहीं सुरक्षित रुके रहें और फिलहाल अपनी केदारनाथ धाम यात्रा को स्थगित कर दें । परामर्श में कहा गया है कि इस समय सोनप्रयाग से आगे मोटरमार्ग और पैदल मार्ग की स्थिति बिल्कुल भी सही नहीं है और मार्ग सही होने व यात्रा के सुचारू होने की सूचना बाद में दी जाएगी।
बुधवार शाम से वर्षा संबंधी विभिन्न घटनाओं में उत्तराखंड 14 लोगों की मौत हो गयी जिनमें से देहरादून जिले में चार, हरिद्वार जिले में छह, टिहरी जिले में तीन तथा चमोली जिले में एक व्यक्ति की मृत्यु हुई । हरिद्वार जिले के रूड़की क्षेत्र के भारपुर गांव में भारी बारिश से एक मकान ढह गया जिससे उसके मलबे के नीचे दबने से चार व्यक्तियों की मौत हो गयी तथा 10 अन्य घायल हो गए जिनमें से आठ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
टिहरी जिले के घनसाली के जखनयाली गांव में बुधवार देर रात बादल फटने से एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गयी। नैनीताल जिले के हल्द्वानी में बुधवार रात भारी बारिश से उफनाए एक नाले में एक सात वर्षीय बच्चा बह गया । पहाड़ी दरकने के कारण कई सड़कें बहने से यात्रियों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।