नारी डेस्कः देश के सबसे अमीर बिजनेसमेन मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी इस समय लाइमलाइट में हैं। उन्होंने अपने मां बनने की जर्नी बयां की। जी हां, हाल ही में ईशा अंबानी ने वॉग मैगजीन को इंटरव्यू दिया जिसमें उन्होंने अपने ट्विंस बेबी और आईवीएफ ट्रीटमेंट पर खुलकर बात की। एक और जहां अभी भी आईवीएफ को वर्जित 'टैब्बू' की तरह ही माना जाता है और जो महिलाएं आईवीएफ ट्रीटमेंट लेती तो हैं लेकिन इसे सीक्रेट रखकर...इसी बीच ईशा अंबानी ने इस पर खुलकर बात की।
अपनी पर्सनल लाइफ पर बात करते हुए ईशा अंबानी ने 'वोग इंडिया' के साथ अपने IVF से कंसीव करने और ट्विंस बेबी की मां बनने के अनुभव को शेयर किया। ईशा ने कहा- "मैं यह कहने में बहुत जल्दी करती हूं कि मैंने IVF के जरिए कंसीव किया था क्योंकि इस बारे में बात करके ही इसे नॉर्मल बनाया जा सकता है। यह एक मुश्किल प्रोसेस है मुश्किल जर्नी थी। जब आप इससे गुज़र रहे होते हैं तो आप शारीरिक रूप से परेशान हो जाते है लेकिन इस पर किसी को अलग-थलग या
शर्मिंदगी महसूस नहीं करनी चाहिए।
ईशा ने अपनी IVF जर्नी को साझा करते हुए कहा कि इस टॉपिक पर खुलकर बात की जानी चाहिए। उनका मानना है कि जितना ज़्यादा हम इस पर बात करेंगे, उतना ही हम इसे नॉर्मल और आसान बना देंगे। उन्होंने कहा, "अगर आज दुनिया में आधुनिक तकनीक है तो बच्चे पैदा करने के लिए इसका इस्तेमाल क्यों न किया जाए? यह कुछ ऐसा होना चाहिए जिसके बारे में आप उत्साहित हों, न कि कुछ ऐसा जिसे आपको छिपाना पड़े। अगर आपको हेल्पिंग ग्रुप या ऐसी दूसरी महिलाएं मिल जाएं, तो यह प्रक्रिया बहुत आसान लग सकती है।" हालांकि अभी भी महिलाएं गुप्त रूप से IVF चक्र से क्यों गुजरती रहती हैं जबकि इसमें उसे फिजिकली और मैंटली दोनों ही तरीके से साथ की जरूरत होती है।
ईशा ने यह भी कहा कि जब उन्होंने इस प्रोसेस को अपनाया तो उन्हें लगता है कि उनका रिश्ता अपनी मां के साथ और मजबूत हो गया क्योंकि उन्होंने ठीक वैसे ही किया जैसे उनकी मां नीता अंबानी ने ईशा और आकाश को कंसीव करते समय किया था क्योंकि नीता अंबानी ने भी आईवीएफ के जरिए ही ईशा और आकाश अंबानी को जन्म दिया था। उसी इंटरव्यू में ईशा ने अपनी मदरहुड जर्नी के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, "मेरे माता-पिता ने शादी के 7 साल बाद हमें जन्म दिया। मैं और मेरा जुड़वां आकाश IVF बच्चे हैं। जब मेरी माँ ने आखिरकार हमें जन्म दिया तो वह शुरू में एक पूर्णकालिक माँ बनना चाहती थी। बाद में, जब हम 5 साल के थे, तो वह काम पर वापस चली गईं, लेकिन वह अभी भी एक टाइगर मॉम थीं।"
अपने पति आनंद पीरामल से मिले सपोर्ट का भी उन्होंने आनंद का तह- दिल से धन्यवाद भी किया। उन्होंने कहा, “एक मां को बहुत ज्यादा प्रसव पीड़ा सहनी पड़ती है क्योंकि ब्रेस्टफीडिंग जैसी कुछ चीजें हैं जो केवल मां (वह) ही कर सकती हैं, लेकिन पैरेंटिंग के मामले में कई अन्य चीजें ऐसी भी हैं, जो पति और पत्नी दोनों कर सकते हैं और करनी भी चाहिए। मैं उनकी (आनंद) आभारी हूं। हां, वे डायपर बदलते हैं और बच्चों को फीड कराते हैं जिन रातों को मुझे देर तक जागना पड़ता है या काम के सिलसिले में बाहर जाना पड़ता है तो वह सुनिश्चित करते हैं कि वह आसपास रहें ताकि मुझे बुरा महसूस न हो।”
ईशा ने अपने इस सफर को शेयर कर उन महिलाओं को हौंसला दिया है जो किसी कारण वश या हैल्थ इश्यूज के चलते नॉर्मल कंसीव नहीं कर पाती। ये प्रोसेस इतना सामान्य होना चाहिए कि महिला को इसे छिपाना ना पड़े बल्कि वह दूसरों को इस बारे में बता सकें। इस बारे में आप क्या सोचते हैं हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएँ।