जब किसी महिला के साथ शोषण या अपराध होता है तो वह न्याय की मांग करते हुए पुलिस के पास जाती है क्योंकि उन्हें उम्मीद होती है कि पुलिस उनका दर्द दूर कर देगी। शायद इसी कारण पुलिस विभाग में महिलाओं की भर्ती की जाती हैं लेकिन जब वह पुलिस आपका साथ न देकर आपके साथ बुरा व्यवहार करें तो कैसा लगेगा। हाल ही में ओडिशा के हेमगीर पुलिस स्टेशन में ऐसी ही घटना हुई जिसमें एक महिला को एक महिला पुलिस अधिकार के कारण न केवल तकलीफ सहनी पड़ी बल्कि अपना अजन्मा बच्चा भी खोना पड़ा। आईपीएस पुलिस सौम्या मिश्रा ने एक गर्भवती महिला को लात मारी जिसके कारण उसका गर्भपात हो गया। इसके तहत उस पर केस दर्ज कर लिया गया हैं। बताते है आपको क्या था पूरा मामला...
जानिए क्या था पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक 3 जुलाई को एसयूवी की चपेट में आने के कारण 19 साल के युवक की मौत हो गई थी। ऐसे में कनिका गांव के लोगो ने उसका विरोध करते हुए पुलिस बीट हाउस को घेर कर एसयूवी चलाने वाले व्यक्ति की पकड़ की मांग की। गुस्साय हुए लोगों ने वहां पर पत्थरबाजी की जिससे की कुछ कांस्टेबल जख्मी हो गए।
उसके बाद पुलिस वालो ने विरोध करने वाले 14 लोगों का पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था जिसमें पीड़िता कनिका के पति उत्तम भी शामिल थे। जब पुलिस उत्तम को गिरफ्तार न कर सकी तो वह उसे ढूंढते हुए उनके घर पर पहुंची यहां पर उन्होंने प्रिया के साथ मारपीट की।
प्रिया ने सुंदरगढ़ में एक सब डिविजनल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत में मामला दर्ज करवाते हुए कहा कि जब पुलिस उनके पति को ढूंढने आई तो मिश्रा ने उनके पेट पर लात मारी जिस कारण उनका गर्भपात हो गया। इतना ही मामला दर्ज करवाने के बाद एसपी व अन्य पुलिस अधिकार उसके फ्लाई ऐश ईंट कारखाने में चले गए। वहां पर पांच वाहनों और एक ईंट बनाने वाली मशीन को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसकी कीमत 4 लाख रुपये थी।
इस धारा के तहत दर्ज किया केस
हेमगीर पुलिस स्टेशन की इंस्पेक्टर श्रद्धाजंलि सुबुद्धि ने अनुसार मिश्रा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। जिसकी जांच डिप्टी एसपी ज्योत्स्नामय को सौंपी गई है। शिकायत के आधार पर, एसपी को 341 (गलत संयम), 506 (आपराधिक धमकी), 457 (अत्याचार या घर तोड़ने की सजा सहित कई आरोपों के साथ जेल में रखा गया है। ), 294 (किसी भी सार्वजनिक स्थान पर अश्लील कृत्य जो दूसरों को परेशान करता है), 342, 427, 313 (महिला की सहमति के बिना गर्भपात का कारण), 166 (लोक सेवक अवज्ञा कानून), आईपीसी का 503 और 504 भी लगाई गई है।
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