इंदिरा गांधी भारत की राजनीति में एक ऐसा नाम है, जिनका व्यक्तित्व और कृतित्व सदा चर्चा में रहा। देश की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री के तौर पर उन्होंने ऐसे कई फैसले लिए कि मोरारजी देसाई द्वारा ‘‘गूंगी गुड़िया’’ कही गई इंदिरा ‘आयरन लेडी’ के तौर पर उभरी। फौलादी हौसले वाली इंदिरा गांधी ने लगातार तीन बार और कुल चार बार देश की बागडोर संभाली और वह देश की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं।
19 नवंबर,1917 को हुआ था इंदिरा का जन्म
जवाहरलाल नेहरू और कमला नेहरू के यहां 19 नवंबर,1917 को जन्मी कन्या को उसके दादा मोतीलाल नेहरू ने इंदिरा नाम दिया और पिता ने उसके सलोने रूप के कारण उसमें प्रियदर्शिनी भी जोड़ दिया। 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच जंग ने इंदिरा को नई पहचान दी थी। इस लड़ाई के बाद दुनिया के नक्शे पर एक नया देश आया- बांग्लादेश।
1974 को भारत परमाणु शक्ति बना
8 मई 1974, वह ऐतिहासिक दिन था, जब भारत परमाणु शक्ति बना। हालांकि उस दौरान अमेरिका ने अपनी दादागीरी दिखाने के लिए भारत पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए। इंदिरा ने सभी प्रति स्वीकार किए और उसके बावजूद भारत की ताकत बढ़ाई।
इंदिरा के कुछ फैसले रहे विवादित
सियासत की माहिर इंदिरा के कुछ फैसले विवादित भी रहे। प्रधानमंत्री के रूप में उनकी सिफारिश पर देश में लगाए गए आपातकाल को उन्हीं फैसलों में गिना जाता हैं, जिसकी वजह से उन्हें अपनी सत्ता से भी हाथ धोना पड़ा और एक अन्य विवादित फैसला उनकी मौत की वजह बना। जून 1984 में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में सैन्य कार्रवाई की कीमत उन्हें अपने सिख अंगरक्षकों के हाथों जान गंवाकर चुकानी पड़ी।
आयरन Lady को हो गया था अपनी मौत का एहसास
इंदिरा को अपनी मौत का एहसास पहले ही हो गया था। 30 अक्तूबर को जब वह भाषण दे रही थीं तो उन्होंने कहा था मैं आज यहां हूं, कल शायद यहां न रहूं। मुझे चिंता नहीं मैं रहूं या न रहूं। मेरा लंबा जीवन रहा है और मुझे इस बात का गर्व है कि मैंने अपना पूरा जीवन अपने लोगों की सेवा में बिताया है। मैं अपनी आखिरी सांस तक ऐसा करती रहूंगी और जब मैं मरूंगी तो मेरे खून का एक-एक कतरा भारत को मजबूत करने में लगेगा।