कहते हैं अगर "इश्क सच्चा हो, तो हर मुश्किल आसान हो जाती है"। इस मुश्किल को आसान करने का कमा करता है भोलेनाथ का एक मंदिर। यहां उन प्रेमियों को शरण मिलती है , जिनसे समाज और परिवार अपना नाता तोड़ देते हैं। इस मंदिर को लवर्स टेंपल के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि भगवान शिव की शरण में आते ही प्यार करने वालों का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता है।
हम बात कर रहे हैं शंगचूल महादेव मंदिर की जो हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के शांघड़ गांव में स्थित है। कहते हैं कि घर से ठुकराए प्रेमियों को इस मंदिर में आश्रय मिलता है। यहां समाज के रीति-रिवाजों और बंधनों को तोड़कर प्रेमी शादी करते हैं। दिलचस्प बात यह है कि पुलिस भी यहां दखलअंदाज़ी नहीं कर सकती है। आस्था है कि प्रेमी जोड़ों की रक्षा खुद भगवान शंकर करते हैं इसलिए उन्हें इस मंदिर में किसी से कोई खतरा नहीं होता है।
यहां उनके रहने से लेकर खाने-पीने की भी व्यवस्था की जाती है और आसपास के गांववाले उन लोगों का दिल खोलकर स्वागत करते हैं। हालांकि इस मंदिर में जाने की कुछ शर्तें भी है जिसका पालन करना आवश्यक है। यहां कोई भी शख़्स शराब और सिगरेट का सेवन नहीं कर सकता और ना ही चमड़े का कोई भी सामान यहां लाया जा सकता है। इस मंदिर में आप तेज़ आवाज़ में बात भी नहीं कर सकते।
इस मंदिर में शादी करने वाले प्रेमी तब तक यहां रह सकते हैं जब तक प्रेमियों के दोनों तरफ के परिवारों के बीच सुलह नहीं हो जाती मामले के निपटारे के बिना उन्हें यहां से कोई नहीं हटा सकता। पौराणिक कथा के अनुसार अज्ञातवास के समय पांडवों ने भी इस गांव में कुछ समय बिताया था। तभी कौरवों ने उनका पीछा किया और उन्हें नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से इस गांव में आए थे। कहा जाता है कि भगवान शिव नें पांडवों की रक्षा की और कहा कि जो भी इस मंदिर की सीमा तक आएगा, उसकी रक्षा भगवान खुद करेंगे और तभी से यह परंपरा चली आ रही है।
128 बीघा में फैले इस मंदिर की खूबसूरती भी लोगों को खूब भाती है। महाशिवरात्रि पर यहां नजारा देखने लायक होता है, दूर से दूर भक्त भोलेनाथ के दर्शन करने आते हैं।अगर आप भी हिमाचल प्रदेश घूमने जा रहे हैं, तो इस मंदिर का दर्शन जरूर करें।