महिलाएं आज कल हर किसी काम में आगे हैं। गाड़ी चलाने से लेकर बस चलाने तक। हर किसी क्षेत्र में महिलाएं अपनी काबिलियत दिखा रही हैं। हर किसी क्षेत्र में काबिलियत दिखा रही हैं। इसके अलावा कुछ ऐसी भी महिलाएं हैं जो बाकि अन्य महिलाओं के लिए भी इंस्पीरेशन बनी हुई हैं। आज आपको तिरुपति की ऐसी ही महिलाओं के बारे में बताएंगे जो ऑटो रिक्शा चलाकर अपने परिवार वालों का खर्चा उठा रही हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में...
परिवार का खर्चा चलाने के लिए चला रही हैं ऑटो
इन महिला ऑटो ड्राईवर्स में अधिकतर महिलाएं ऐसी हैं जिनके पति बेरोजगार हैं, इसके अलावा कुछ महिलाओं के पति नशे के लत के आदि हैं और कुछ ने इन्हें घर से बाहर भी निकाल दिया है। ऐसे में अपने परिवार का घर खर्च चलाने के लिए वह ऑटो रिक्शा चला रही हैं। कुछ तो ऐसी महिलाएं भी हैं जो घर से कभी बाहर नहीं निकली थी लेकिन अपने बच्चों को अच्छा जीवन देने और उनकी पढ़ाई का खर्चा चलाने के लिए वह आज ऑटो चला रही हैं।
राष्ट्रीय सेवा समिति ने की मदद
राष्ट्रीय सेवा समिति एक स्वयं सेवी संगठन है। साल 2016 में इस संगठन ने शहर तिरुपति में 106 महिलाओं को ऑटो चलाने की ट्रेनिंग दी। इन 106 महिलाओं में से संगठन ने करीबन 75 महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस दिलवाने में मदद की। इसके अलावा संगठन ने महिलाओं को ऑटो खरीदने के लिए लॉन भी दिया। आज यह ऑटो चलाने वाली महिलाएं कई बाकी महिलाओं के लिए मिसाल बन चुकी हैं। इन्हें ऐसे ऑटो चलाते देख आज बाकी की कई और महिलाएं भी ऑटो चलाना सिख रही हैं। वहीं आज के समय में करीबन कई सारे महिलाएं ऑटो रिक्शा ड्राइवर बन गई हैं।
ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट महिलाएं भी शामिल
ऑटो चलाने वाली इन महिलाओं में कुछ ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट महिलाएं भी शामिल हैं। हालांकि कई पुरुष ऑटो रिक्शा ड्राइवर इन महिलाओं को ऑटो रिक्शा स्टैंड पर ऑटो लगाने की अनुमित नहीं देते परंतु फिर भी इन सब परिस्थितियों को पीछे छोड़ ऑटो चलाती हैं और अपने परिवार को चलाती हैं।