नारी डेस्क: इराक में एक बार फिर लड़कियों का भविष्य संकट में है। इराक की सरकार देश में विवाह कानून में संशोधन करने जा रही है, जिसके तहत लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र को 18 वर्ष से घटाकर 9 साल कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं लड़कियों से तलाक तक का अधिकार भी छिन लिया जाएगा। महिला अधिकार समूह इसे महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन मान रहे हैं।
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प्रस्तावित कानूनी बदलाव मुस्लिम लड़कियों की शादी की न्यूनतम आयु को खत्म कर देगा, जो 1959 के व्यक्तिगत स्थिति कानून में 18 वर्ष निर्धारित की गई है। यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार, इराक में 28% लड़कियों की शादी 18 साल से पहले हो जाती है और यह कानून इस संख्या को बढ़ा सकता है। मानवाधिकार अधिवक्ता इराक की संसद में पेश किए गए इस विधेयक को लेकर चिंतित हैं, उन्हें डर है कि इससे महिलाओं के अधिकार खत्म हो जाएंगे और समाज में कम उम्र में विवाह की दर बढ़ जाएगी।
यह विधेयक नागरिकों को पारिवारिक मामलों में निर्णय लेने के लिए धार्मिक अधिकारियों या नागरिक न्यायपालिका को चुनने की अनुमति देगा। मानव अधिकार संगठनों सामाजिक संगठनों और महिला समूह ने इस बिल का विरोध करते हुए कहा कि यह युवा लड़कियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण पर रोक लगा देगा। इस बिल के पास होने के बाद अनगिनत लड़कियों का भविष्य और कल्याण छीना जा सकता है।
महिला अधिकार समूहों जैसे 'गठबंधन 188' ने सरकार के इस कदम को 'बच्चियों के साथ बलात्कार' को वैध बनाने जैसा खौफनाक बताया है. यह कानून लागू हुआ तो महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार को बढ़ावा देगा और उन्हें ज्यादा कमजोर बनाएगा। बता दें कि इस बिल का विरोध होने की वजह से जुलाई में इसे कुछ समय के लिए वापस ले लिया गया था, लेकिन अगस्त की शुरुआत में इसे फिर से लाया गया। मानवाधिकार संगठनों के विरोध और चेतावनियों के बावजूद, इस बिल पर अभी भी विचार किया जा रहा है।