नारी डेस्क: कई दशकों से वैज्ञानिक इस बात पर चिंता जता रहे हैं कि लड़कियां पिछली पीढ़ियों की तुलना में बहुत कम उम्र में ही यौवनावस्था में प्रवेश कर रही हैं। यह माता-पिता के लिए भी चिंता का विषय है। कुछ समय पहले महाराष्ट्र के सातारा से भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां 6 साल की लड़की में ही समय से पहले जवान होने के लक्षण नजर आने लगे हैं। इसे अर्ली प्यूबर्टी कहा जाता है।
महामारी के बाद बदले हालात
डॉक्टरों की मानें तो समय से पहले यौवन खतरनाक प्रवृत्ति की सूचना है। माना जा रहा है कि महामारी के बाद, युवाओं में व्यवहारिक और तेजी से होने वाले हार्मोनल परिवर्तन व्यापक हो गए हैं। इसके लिए ज़्यादा स्क्रीन टाइम, लॉकडाउन के कारण बहुत कम या बिल्कुल भी बाहरी गतिविधि न करना और जंक फ़ूड के सेवन को जिम्मेदार ठहराया गया है। लेकिन समय से पहले यौवन आना माता-पिता और बच्चे दोनों के लिए एक आपदा की तरह है।
6 साल की बच्ची में दिखे थे यौवन के शुरुआती लक्षण
कुछ महीने पहले सतारा के एक अस्पताल में यह चौंकाने वाला मामला सामने आया था, जहां माता-पिता ने बताया कि बच्ची में यौवन के शुरुआती लक्षण हैं। बच्ची के स्तन विकास और hair growth जैसे लक्षणों का विश्लेषण करके इसकी शुरुआत की पहचान की गई है। दावा किया कि यह पहला दुर्लभ मामला है। कई परीक्षणों के बाद, डॉक्टरों ने निष्कर्ष निकाला कि बच्ची के परिवार के फार्महाउस में Chemicals और कीटनाशकों के संपर्क में आने से उसके हार्मोन में गड़बड़ी हुई और समय से पहले यौवन शुरू हो गया।
कब होती है प्यूबर्टी की शुरुआत?
पुणे टाइम्स मिरर में छपी खबर के मुताबिक ये मामला सामने आने के बाद डॉक्टरों ने बच्ची के माता-पिता को अपने रहने की स्थिति बदलने और रसायनों के संपर्क में आने से बचने की सलाह दी। चिकित्सकों की मानें तो- "इस तरह के मामले बेहद असामान्य हैं, क्योंकि यौवन अब 13-14 वर्ष से 9-10 वर्ष की उम्र में बदल रहा है, लेकिन छह वर्ष की उम्र अत्यंत दुर्लभ और चिंताजनक है।"प्यूबर्टी किसी भी लड़की या लड़के के जीवन का वह समय होता है, जब उनके शरीर में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं। आमतौर पर लड़कियों में 8 से 13 साल के बीच और लड़कों में 9 से 14 साल के बीच प्यूबर्टी की शुरुआत होती है।
लड़कियों में अर्ली प्यूबर्टी के लक्षण
स्तनों का विकास: यह अर्ली प्यूबर्टी का सबसे पहला और सामान्य लक्षण है।
मासिक धर्म (Periods): जल्दी मासिक धर्म का आना भी एक संकेत हो सकता है।
शरीर के बाल: अंडरआर्म्स और प्राइवेट पार्ट्स के आसपास बाल आना।
शरीर में वसा की मात्रा बढ़ना: शरीर में अधिक वसा जमा होना और कूल्हों का आकार बढ़ना।
शारीरिक विकास में तेजी: कद और वजन में अचानक वृद्धि।
लड़कों में दिखने वाले लक्षण
अंडकोष और लिंग का विकास: यह अर्ली प्यूबर्टी का सबसे पहला लक्षण हो सकता है।
शरीर के बाल: चेहरा, अंडरआर्म्स और प्राइवेट पार्ट्स के आसपास बाल आना।
मांसपेशियों में वृद्धि: मांसपेशियों का विकास और आवाज का भारी होना।
शारीरिक विकास में तेजी: कद में वृद्धि और हड्डियों की मजबूती बढ़ना।
शरीर की गंध: पसीने में बदलाव और गंध वयस्कों जैसी हो जाना।
अर्ली प्यूबर्टी के कारण
- जो बच्चे ज्यादा वजन वाले होते हैं, उनमें अर्ली प्यूबर्टी का जोखिम बढ़ जाता है। मोटापा हार्मोनल असंतुलन का कारण हो सकता है, जिससे प्यूबर्टी जल्दी शुरू होती है।
- अगर माता-पिता में किसी ने अर्ली प्यूबर्टी का अनुभव किया है, तो बच्चे में भी इसका जोखिम हो सकता है।
- थायरॉइड हार्मोन का असंतुलन भी शरीर में हार्मोनल परिवर्तन का कारण बन सकता है, जिससे प्यूबर्टी जल्दी शुरू हो जाती है।
- मस्तिष्क में चोट, ट्यूमर, या कोई गंभीर संक्रमण भी पिट्यूटरी ग्लैंड की सक्रियता बढ़ा सकता है, जिससे अर्ली प्यूबर्टी हो सकती है।
-कुछ रसायनों (जैसे बिस्फेनोल ए (BPA)) और प्रदूषण से भी हार्मोनल परिवर्तन हो सकते हैं, जिससे प्यूबर्टी जल्दी आ सकती है।
- एड्रेनल ग्रंथियों का असामान्य रूप से काम करना शरीर में एंड्रोजन हार्मोन के स्तर को बढ़ा सकता है, जिससे लड़कों और लड़कियों में यौन परिपक्वता जल्दी हो सकती है।
अर्ली प्यूबर्टी से बचने के तरीके
- डॉक्टर प्यूबर्टी को धीमा करने के लिए कुछ हार्मोनल थेरेपी का सहारा ले सकते हैं।
- बच्चों के वजन को नियंत्रित रखना और स्वस्थ आहार देना भी मददगार हो सकता है।
- भावनात्मक और मानसिक तनाव से निपटने के लिए बच्चों को काउंसलिंग या सपोर्ट ग्रुप की सहायता दी जा सकती है।