महामारी कोरोना कब खत्म होगी? ये सवाल तो हर किसी के मन में है लेकिन जवाब किसी के पास नहीं है। दो साल से इस संकट के खत्म होने की उम्मीद ही जा रही है लेकिन हर बार एक नया वेरिएंट सभी उम्मीदों पर पानी फेर देता है। जब दुनिया ओमीक्रोन स्वरूप से जूझ रही है, तब वैज्ञानिकों ने दक्षिणी फ्रांस में कोविड-19 के नये स्वरूप की पहचान की है। Variant IHU पूरे 46 बार रूप बदल चुका है।
अब तक 12 लोग हुए शिकार
इस नए वेरिएंट का नाम IHU हे, जिसने आते ही 12 लोगों को अपना शिकार बना लिया। 'आईएचयू' के रूप में नामित बी.1.640.2 संस्करण को ओमीक्रोन से भी ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है। दावा तो यह भी है वेरिएंट अब तक 46 बार रूप बदल चुका है। बड़ी बात यह है कि दोनों वैक्सीन ले चुके लोगों को भी यह वायरस संक्रमित कर सकता है।
पहले मरीज को हुई सांस लेने में दिक्कत
नए वैरिएंट में रेस्पिरेटरी यानी सांस की दिक्कतों से जुड़े हल्के लक्षण देखे गए हैं।आईएचयू का पहला केस फ्रांस के एक ऐसे व्यक्ति में मिला था, जो वैक्सीनेटेड था और अफ्रीकी देश कैमरून से लौटा था। वह सांस लेने में दिक्कत के लक्षण के बाद हुए टेस्ट में कोविड-19 पॉजिटिव पाया गया था। उसमें आईएचयू या बी.1.640.2 वेरिएंट मिलने की पुष्टि हुई थी।
ओमीक्रोन से ज्यादा खतरनाक नया वेरिएंट
बताया जा रहा है कि आईएचयू में काफी ज्यादा म्यूटेशन हैं और इसके कुछ म्यूटेशन के अल्फा जैसे अन्य वेरिएंट्स जैसे होने की वजह से ही इसे लेकर चिंता जताई जा रही है। आईएचयू के जेनेटिक कोड में 46 म्यूटेशन और 37 डिलीशंस हो चुके हैं, जिनमें से ज्यादातर स्पाइक प्रोटीन में हुए हैं। हालांकि स्टडी के बाद यह साफ होगा कि नया वैरिएंट किस कैटेगरी में आता है।