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पेरेंट्स को है दिल की बीमारी? बच्चे अपनाएं ये 4 आदतें, 75 % तक कम होगा हार्ट डिजीज का रिस्क

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 24 Nov, 2025 10:36 AM
पेरेंट्स को है दिल की बीमारी? बच्चे अपनाएं ये 4 आदतें, 75 % तक कम होगा हार्ट डिजीज का रिस्क

 नारी डेस्क: अगर मां या पिता को कम उम्र में ही दिल की बीमारी रही है, तो उनके बच्चों में भी हार्ट डिजीज का जोखिम काफी ज्यादा बढ़ जाता है। कई शोध बताते हैं कि ऐसे मामलों में बच्चों में दिल की बीमारी का खतरा 40 से 75% तक बढ़ जाता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, अगर भाई-बहन को भी जल्दी दिल की समस्या हुई हो, तो बच्चों में आगे चलकर हार्ट डिजीज होने की संभावना और बढ़ जाती है। लेकिन अच्छी बात यह है कि अगर बच्चे अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव करें, तो इस जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि चार जरूरी आदतें अपनाने से हार्ट डिजीज का खतरा 37% तक कम हो सकता है।

 अच्छी नींद दिल को मजबूत बनाने की पहली आदत

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के लिए 7–9 घंटे की पूरी नींद लेना मुश्किल हो गया है। लगातार कम नींद लेने से शरीर में स्ट्रेस हार्मोन बढ़ जाते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर और धमनियों पर दबाव बढ़ता है और दिल कमजोर होने लगता है। अगर परिवार में हार्ट डिजीज की हिस्ट्री है, तो बच्चों और युवाओं को हर दिन कम से कम 7 घंटे की गुणवत्तापूर्ण नींद लेनी चाहिए। वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, अच्छी नींद लेने से दिल की बीमारी का जोखिम 35% तक कम हो सकता है। पूरी नींद से न सिर्फ दिल अच्छा काम करता है बल्कि शरीर की सभी कोशिकाएँ बेहतर तरीके से रीकवर होती हैं।

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 स्मोकिंग छोड़ें दिल को सबसे बड़ा दुश्मन धुआं

सिगरेट पीने से दिल की बीमारी का खतरा बहुत तेज़ी से बढ़ता है। जिन लोगों के परिवार में पहले से हार्ट डिजीज है, उन्हें कभी भी स्मोकिंग शुरू नहीं करनी चाहिए या अगर कर रहे हैं, तो तुरंत छोड़ देनी चाहिए। शोध बताते हैं कि स्मोकिंग छोड़ने से दिल की बीमारी का जोखिम 44% तक कम हो जाता है। चौंकाने वाली बात यह है कि हार्ट डिजीज से होने वाली हर 3 में से 1 मौत स्मोकिंग से जुड़ी होती है। सिर्फ सिगरेट ही नहीं, वेपिंग, हुक्का और सेकंड हैंड स्मोक यानी किसी और के धुएँ का असर भी दिल को नुकसान पहुँचाता है। इसलिए हार्ट की सुरक्षा के लिए स्मोकिंग से दूर रहना बेहद जरूरी है।

रोज़ाना व्यायाम शरीर और दिल दोनों के लिए दवा

नियमित एक्सरसाइज हार्ट की मांसपेशियों को मजबूत बनाती है और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करती है। यदि कोई व्यक्ति हफ्ते में कम से कम 150 मिनट मॉडरेट एक्सरसाइज (जैसे तेज चलना, योग, साइक्लिंग) और 75 मिनट हाई-इंटेंसिटी वर्कआउट (जैसे जॉगिंग, एरोबिक्स, डांस) करता है, तो दिल की बीमारी का खतरा करीब 25% तक कम हो जाता है। एक ब्रिटिश रिसर्च में 5 लाख लोगों को शामिल किया गया था, जिनमें से कई लोगों में हार्ट डिजीज का जेनेटिक जोखिम ज्यादा था। लेकिन नियमित फिजिकल एक्टिविटी ने उनकी हार्ट डिजीज की संभावना को काफी कम कर दिया। इससे पता चलता है कि सही एक्सरसाइज से जेनेटिक जोखिम भी काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।

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हेल्दी डाइट दिल को पोषण देने वाली आदत

दिल को स्वस्थ रखने के लिए डॉक्टर अक्सर मेडिटेरियन डाइट और डैश डाइट अपनाने की सलाह देते हैं। इन डाइट्स में शामिल होते हैं

ऑलिव ऑयल

ताजी सब्जियां और फल

दालें, फलियां और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ

कम तला-भुना और कम फैट वाला खाना

ऐसी डाइट से शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) कम होता है, जिससे हार्ट ब्लॉकेज और दिल की बीमारी का खतरा काफी कम हो जाता है। हेल्दी डाइट न सिर्फ दिल को मजबूत बनाती है बल्कि वजन और ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल में रखती है।

अगर परिवार में हार्ट डिजीज की हिस्ट्री है, तो घबराएं नहीं बस अपनी लाइफस्टाइल को सुधारें। अच्छी नींद, नो स्मोकिंग, नियमित एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट जैसी चार आदतें अपनाकर बच्चे और युवा अपनी हार्ट हेल्थ को सुरक्षित रख सकते हैं और भविष्य में दिल की बीमारी का खतरा 37% तक कम कर सकते हैं।

  

 

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