भारत में गणेश चतुर्थी का त्यौहार बड़ी धूम-धाम से मनाया जा रहा है। कल यानि 1 सितंबर को गणेश उत्सव का आखिरी दिन है। हालांकि भक्त अपने-अपने हिसाब से 3, 5, 7 और 10 दिन बाद बप्पा की विदाई कर सकते हैं। कोरोना महामारी के चलते इस बार सार्वजनिक गणेश विसर्जन की मनाही की गई है लेकिन आप अपने परिवार के साथ भी विसर्जन का लुफ्त उठा सकते हैं।
गणेश विसर्जन का शुभ मुहुर्त
सुबह: 9 बजकर 10 मिनट से 1 बजकर 56 मिनट
दोपहर: 3 बजकर 32 मिनट से 5 बजकर 7 मिनट
रात्रि: 8 बजकर 7 मिनट से रात के 9 बजकर 32 मिनट तक।
कोरोना महामारी में कैसे करें गणपति विसर्जन
भले ही कोरोना के चलते इस बार सामूहिक विसर्जन की मनाही हो लेकिन आप घर पर भी बप्पा का विसर्जन कर सकते हैं। वहीं घर पर विसर्जन करने से पर्यावरण और समुद्री जीवों को भी कोई नुकसान नहीं होगा इसलिए इस बार घर पर ही विसर्जन करना सही है।
श्रीगणेश विसर्जन की विधि
इसके लिए टब, बाल्टी या मूर्ति के हिसाब से किसी भी पात्र में पानी भर लें। एक चौकी पर लाल, पीला या नारंगी कपड़ा बिछाकर कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं। स्वास्तिक पर चावल व फूल डालकर गणेश प्रतिमा बैठाएं। बप्पा का विधि-विधान पूजन कर तिलक लगाएं। अब अपनी मनोकामना व गलतियों की माफी मांगते हुए प्रतिमा को जल में विसर्जित कर दें। साथ ही बप्पा से अगले साल लौटकर आने की विनती करें। इसके बाद पानी को गमले में डाल दें। ध्यान रखें कि मिट्टी वाले पानी को तुलसी में ना डालें क्योंकि श्रीगणेश की पूजा में तुलसी का पूजन वर्जित होता है।
इसके साथ ही "आवाह्न न जानामि न जानामि विसर्जनम। पूजां च न जानामि क्षमस्व परमेश्वरम।। मन्त्रहीनं क्रियाहीनम भक्तिहीनम सुरेश्वर। यत्पूजितं मयादेव परिपूर्ण तदस्तु मे।।" मंत्र का जाप करें।