2018 में कोरोना की तरह निपाह वायरस (Nipah Virus) ने काफी कहर मचाया था। इस वायरस के कारण केरल में कई लोगों की मौत हो गई थी। कोरोना की तरह इस वायरस में भी सावधानी में ही सुरक्षा है क्योंकि इस बीमारी को उपचार नहीं है। यह वायरस चमगादड़ से इंसानों में ट्रांसमिट होता है लेकिन वैज्ञानिकों को यह नहीं पता चल पाया था कि ये चमगादड़ तक कैसे पहुंचा। मगर, अब रहस्य से भी पर्दा खुल गया है, जिसके बाद अब वैज्ञानिक यह पता लगाने में लगे हुए हैं कि इंसानों पर वायरस फैलने से कैसे रोका जा सके।
चमगादड़ तक कैसे पहुंचा निपाह वायरस?
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह वायरस किसी भी साल में इन चमगादड़ों के संपर्क में आने पर फैल सकता है। हालांकि इन चमगादड़ों का आस-पास रहना भी जरूरी है क्योंकि इसके लिए फलों के पेड़ों के बीजों की परागण प्रक्रिया बहुत महत्वपूर्ण हैं। वैज्ञानिकों ने कहा, उनसे दूर रहना नहीं बल्कि वायरस ट्रांसमिशन से बचने के लिए यह जानना भी जरूरी है कि यह वायरस कब और कैसे खाने और पानी को संक्रमित करते हैं।
चमगादड़ से कैसे फैलता है वायरस ?
दरअसल, निपाह संक्रमण चमगादड़ों की 'इंडियन फ्लाइंग फॉक्स' एक खास नस्ल से फैलता है। 2018 में निपाह वायरस के कारण 17 लोगों की जान गई थी। हालांकि अभी तक यह नहीं चल पाया है कि यह चमगादड़ों से इंसानों तक कैसे पहुंचा। लेकिन हाल ही में पीएनएएस साइंस जनरल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, यह वायरस फल खाने वाले चमगादड़ों से इंसानों में फैलता है। खजूर के खेतों में काम करने वालों को इसका ज्यादा खतरा होता है।
क्या है निपाह वायरस?
निपाह वायरस एक ऐसा संक्रमित रोग है, जोकि एक जानवर से फलों और फलों से इंसान में फैलता है। इंसानों में निपाह वायरस का इंफेक्शन एंसेफ्लाइटिस से जुड़ा है, जिसमें दिमाग को नुकसान होता है। यह खतरनाक वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलने का भी डर रहता है।
बीमारी के लक्षण
वायरस के संक्रमण के लक्षणों की शुरुआत इंसेफेलाइटिक सिंड्रोम से होती है, जिसके 5 से 14 दिन बाद
. तेज बुखार
. सिरदर्द
. म्यालगिया की अचानक शुरुआत
. उल्टी, सूजन
. घबराहट महसूस होना
. मानसिक भ्रम जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
संक्रमित व्यक्ति 24 से 48 घंटों के भीतर कोमा में जा सकता है और इससे मौत का खतरा भी रहता है।
Nipah संक्रमण के लिए नहीं कोई उपचार
फिलहाल इस वायरस का इलाज खोजा नहीं जा सका है इसलिए इसकी रोकथाम के लिए बचाव ही एकमात्र उपाय है।
. कुएं, तलाब और खुला पानी ना पीएं
. संक्रमित व्यक्ति से रहें दूर
. फल-सब्जियां धोने के लिए गर्म पानी यूज करें
. साफ-सफाई का रखें ख्याल
. केला, आम और खजूर जैसे फल खाने से बचें