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इन कारणों से काले पड़ जाते हैं मसूड़ों, दूर करने के भी जान लें देसी नुस्खे

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 28 Jan, 2021 11:45 AM
इन कारणों से काले पड़ जाते हैं मसूड़ों, दूर करने के भी जान लें देसी नुस्खे

अगर दांत पीले हो जाए तो लोगों का ध्यान फटाफट उनपर चला जाता है लेकिन मसूड़ों के कालेपन पर लोगों की नजर जाती। समान्यतौर पर मसूड़ों का रंग गुलाबी या लाल होता है लेकिन कुछ कारणों से मसूड़े काले हो जाते हैं। इसके कारण ना सिर्फ हंसते समय शर्मिंदा होना पड़ता है बल्कि यह कई बीमारियों का भी घर है। ऐसे में आज हम आपको मसूड़ों के काले होने के बड़े कारण बताएंगे और साथ ही इससे निपटने का तरीका भी...

अधिक मीठा खाना

बिगड़ा लाइफस्‍टाइल, ओरल हेल्थ केयर ना करना, जैनेटिक और मेडिकल स्थितियों की वजह से भी मसूड़ें काले हो जाते हैं। इसके अलावा अधिक मीठा खाने से भी यह समस्या हो सकता है।

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मेलानिन ज्यादा जमा होना

शरीर में मेलानिन ज्यादा जमा होने की वजह से मसूड़ों का रंग काला हो सकता है। यह एक ऐसा तत्व है, जिससे त्वचा का रंग गहरा हो जाता है। वहीं, अगर मसूड़ों पर काले धब्बे भी दिख रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें क्योंकि यह समान्य नहीं है।

कुछ दवाओं का अधिक सेवन

रिसर्च के अनुसार, खास डिप्रेशन की दवाएं, एंटी-डिप्रेसेंट्स, मलेरिया और एंटीबायोटिक्स का अधिक सेवन भी मसूड़ों को काला कर देता है। ऐसे में आपको अपने डॉक्टर से बात करके सही सलाह लेनी चाहिए।

धूम्रपान करना

धूम्रपान की लत सिर्फ मसूड़ों का कालापन ही नहीं बल्कि कैंसर, फेफड़ों व सांस की बीमारियां, हार्ट अटैक, मुंह के कैंसर और स्ट्रोक का कारण भी बन सकती है। ऐसे में आज ही अपनी इस आदत को बदल लें।

जिंजिवाइटिस के कारण

अल्सरेटिव जिंजिवाइटिस मसूड़ों से जुड़ा एक इंफेक्शन है, जिसके कारण मसूड़ों में दर्द, बुखार, सांसों की बदबू जैसे प्रॉब्लम्स हो सकती है। साथ ही इसके कारण मसूड़ों के टिशूज डैमेज हो जाते हैं, जिससे उनका रंग काला पड़ने लगता है।

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एडिसन की बीमारी

एडिसन एक ऐसी बीमारी है जो एड्रेनल ग्रंथियों पर असर डालती है। इससे विभिन्न प्रकार के हार्मोन बनने लगते हैं, जिससे मसूड़ों के साथ शरीर के कई ह‍िस्‍सों पर गहरे धब्‍बे दिखने लगते है। वहीं, इसके कारण इम्‍यूनिटी भी कमजोर हो जाती है।

प्यूट्ज-जेगर्स सिंड्रोम

यह एक आनुवांशिक बीमारी है, जो पॉलीप्‍स या कैंसर का जोखिम बढ़ाती है। आमतौर पर ये बचपन में दिखाई देता है, जो उम्र के साथ गायब भी हो जाता है।

पेरिओडॉन्टल

बच्चों में होने वाला यह रोग मुंह में बैक्‍टीरिया की संख्या बढ़ा देता है, जिससे मसूड़ों को नुकसान पहुंचता है। इससे बचने के लिए बच्चों को दिन में 2 बार ब्रश करवाएं।

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अब जानिए इससे बचने के उपाय

1. दांतों में ब्रश करने के बाद बेकिंग सोडा से कुल्ला करें।
2. आहार में विटामिन डी लेने से मसूड़ों से जुड़ी हर समस्‍या दूर हो जाती है। 
3. अगर समस्‍या ज्‍यादा गंभीर हो तो डॉक्‍टर जिंजिविक्टॉमी सर्जरी की सलाह भी दे सकते हैं।
4. कॉटन की मदद से मसूड़ों पर लौंग का तेल लगाएं। इससे दर्द और कालापन दोनों दूर होंगे।

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