दिवाली की तरह होली का त्यौहार भी काफी लंबे समय तक चलता है। दिवाली की शुरुआत होती है दशहरे के साथ तो वहीं होली से पहले आता है होलाष्टक। शास्त्रों के मुताबिक इन दिनों किसी भी तरह के शुभ काम यानि शादी-विवाह, नए कारोबार की शुरुआत या फिर कुछ भी नया या शुभ काम पर रोक लग जाती है। यह रोक होलिका दहन तक चलती है। होलाष्टक की शुरुआत 3 मार्च यानि आज मंगलवार से हो गई है। इसका अंत 9 मार्च को होलिका दहन के साथ होगा।
क्यों होती है मनाही?
पुरानी कथाओं के मुताबिक इस दिन भगवान शिव ने कामदेव को भस्म कर दिया था। उस वजह से कई ग्रहों में उतार-चढ़ाव हुए थे, जिस वजह से इस दौरान कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है।
कौन-कौन से काम नहीं करने चाहिए इस दौरान?
शादी, भूमि-पूजन, गृह प्रवेश,जनेऊ संस्कार, गृह प्रवेश या फिर किसी भी तरह का कोई नया कारोबार आपके लिए इस दौरान अशुभ साबित हो सकता है।
होलाष्टक पर क्या-क्या करें?
-नवविवाहित लड़कियां अगर इस दौरान अपने मायके रहें, तो उनके लिए बेहतर होगा।
-ज्यादा से ज्यादा गरीब बच्चों को दान दें।
-हर रोज मंदिर जरुर जाएं।
-घर में सुबह-शाम आरती करें और दिया जरुर जलाएं।
-सफेद चावल बनाकर हर रोज थोड़े-थोडे़ घर के बड़ो को खिलाएं।
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