नारी डेस्क: हाल के दिनों में, जिम में कसरत करने वाले युवा शरीर सौष्ठव करने वालों और फिटनेस उत्साही लोगों में दिल का दौरा पड़ने के मामलों में चिंताजनक वृद्धि हुई है। यह एक ऐसा मुद्दा है जो न केवल फिटनेस समुदाय को प्रभावित कर रहा है, बल्कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों को भी चिंता में डाल रहा है। अक्सर, स्वस्थ और सक्रिय दिखने वाले ये युवा अचानक दिल की समस्याओं का शिकार हो रहे हैं, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या हमारी व्यायाम की आदतें और जीवनशैली वास्तव में हमारे दिल के लिए सुरक्षित हैं। इस लेख में, हम इस गंभीर विषय पर चर्चा करेंगे और जानेंगे कि क्या कारण हैं जो इन फिटनेस प्रेमियों को दिल के दौरे का शिकार बना रहे हैं। अनिद्रा, तनाव, अस्वस्थ खानपान, और प्रोटीन सप्लीमेंट्स के अत्यधिक सेवन जैसे कारकों की भूमिका पर नज़र डालेंगे। आइए, इस मुद्दे को समझते हैं और देखते हैं कि हम अपने दिल की सेहत को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं।
क्या नियमित व्यायाम दिल के लिए अच्छा नहीं है?
नियमित व्यायाम निश्चित रूप से शरीर और दिल के लिए फायदेमंद है। लेकिन किसी भी चीज़ का अधिक होना हानिकारक होता है। स्वस्थ दिखने वाले युवा पुरुषों और महिलाओं में अचानक दिल के दौरे आने का मुख्य कारण नींद की कमी, गंभीर तनाव, अस्वस्थ खानपान की आदतें, और कभी-कभी पदार्थों का सेवन हो सकता है। जिम जाने वाले युवा अक्सर मांसपेशियों के विकास के लिए प्रोटीन सप्लीमेंट लेते हैं, जो हमेशा स्वस्थ नहीं होते।
युवा फिट लोगों में दिल का दौरा क्यों?
स्वास्थ्य जांच केवल वर्तमान स्थिति का आकलन करती है और भविष्य में होने वाली घटनाओं की सही भविष्यवाणी नहीं कर सकती। कई बार दिल के दौरे अचानक प्लाक के फटने के कारण होते हैं, जो दिखने में स्वस्थ धमनियों में होते हैं। इस स्थिति में कोलेस्ट्रॉल जमा होकर रक्त प्रवाह को बाधित कर देता है। इसके अलावा, कुछ लोगों में आनुवांशिक तत्व भी हो सकते हैं, जो भविष्य में दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ाते हैं।
क्या पुरुष अधिक जोखिम में होते हैं?
जी हां, पुरुषों में दिल की बीमारी का खतरा अधिक होता है। जबकि महिलाएं प्राकृतिक रूप से इस बीमारी से सुरक्षित रहती हैं, मेनोपॉज के बाद उनका जोखिम पुरुषों के समान हो जाता है। खराब जीवनशैली, तनाव, नींद की कमी, और अन्य कारक महिलाओं में भी दिल के दौरे के मामलों को बढ़ा रहे हैं। इसके अलावा, धूम्रपान और शराब का सेवन भी हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
कब कराएं कार्डियक चेक-अप?
अगर परिवार में दिल की बीमारी का इतिहास है, तो 35 या 40 साल की उम्र में चेक-अप कराना चाहिए। ऐसे व्यक्तियों को नियमित रूप से डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए और अपनी जीवनशैली में सुधार लाना चाहिए। इसके अलावा, अगर कोई व्यक्ति लंबे समय से व्यायाम कर रहा है, तो उसे अपनी स्वास्थ्य स्थिति पर ध्यान देना चाहिए और किसी भी असामान्य लक्षण की रिपोर्ट डॉक्टर को करनी चाहिए।
व्यायाम के दौरान खुद को कैसे पहचाने?
यदि आप थका हुआ महसूस कर रहे हैं, तो आराम करना जरूरी है। व्यायाम हमेशा उचित प्रशिक्षण के साथ किया जाना चाहिए, जिसमें वार्म-अप और कूल-डाउन शामिल हो। अधिकतम हृदय दर की गणना करने का एक सरल तरीका है: 220 में से अपनी उम्र घटाएं। ध्यान रखें कि व्यायाम के दौरान हृदय दर 50% से 85% के बीच होनी चाहिए।
महत्वपूर्ण बातें
1. संतुलित आहार व्यायाम के साथ-साथ संतुलित आहार लेना आवश्यक है। फल, सब्जियां, साबुत अनाज और स्वस्थ प्रोटीन का सेवन करें।
2. ध्यान, योग और अन्य मनोवैज्ञानिक तकनीकें तनाव को कम करने में मदद कर सकती हैं।
3. पर्याप्त नींद लेना हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। नियमित नींद पैटर्न बनाना चाहिए।
4. प्रोटीन सप्लीमेंट का उपयोग: बिना चिकित्सकीय सलाह के प्रोटीन सप्लीमेंट का सेवन न करें। हमेशा प्राकृतिक स्रोतों से प्रोटीन प्राप्त करने की कोशिश करें।
5. पर्याप्त मात्रा में पानी पीना न भूलें, क्योंकि हाइड्रेशन भी हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
6. यदि कोई हृदय रोग का इतिहास है, तो नियमित चिकित्सकीय निगरानी जरूरी है।
फिट रहने का प्रयास करना महत्वपूर्ण है, लेकिन स्वस्थ और संतुलित जीवनशैली बनाए रखना भी आवश्यक है। हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए ध्यान और संयम जरूरी हैं। अपने शरीर को सुनें और किसी भी प्रकार की असामान्यता पर तुरंत ध्यान दें।