आजकल की लड़कियां हाथों को सुंदर बनाने के लिए नाखूनों को बढ़ाने का शौंक रखती है। अच्छी तरह से शेप बनाकर उनपर रंग-बिरंगी नेल पेंट देखने में काफी सुंदर लगती है। लेकिन क्या आप जानते हैं ये बड़े नाखून सेहत बिगाड़ने का काम भी करते हैं। नाखूनों के जरिए शरीर से जुड़ी बहुत सी बीमारियों की जानकारी प्राप्त हो सकती है। ज्यादातर डॉक्टर मरीजों के नाखून देखकर उनके अंदर पल रहे रोगों को पहचान लेते हैं। ऐसे में, नाखूनों में सफेदी, पीले या नीले पड़ना, उनका आकार बदलना जैसे कुछ लक्षणों पर ध्यान देते रहना चाहिए ताकि समय रहते रोगों से बचाव हो सके। इसी वजह से सेहतमंद रहने के लिए अक्सर डाॅक्टर नाखून को छोटा रखने की सलाह देते हैं। तो चलिए जानें क्या है नाखूनों से जुड़ी वो बातें जिन्हें जानना है बेहद जरूरी।
ऐसे नाखून वालों को होती है ये बीमारी
जिनके नाखूनों में दरारें होती हैं या नाखून टूटे होते हैं, उन लोगों में आमतौर पर विटामिन सी, फॉलिक एसिड व प्रोटीन की कमी देखने को मिलती है। सिरोसिस की स्थिति में भी ऐसा ही होता है। इसमें क्रेक के अलावा नाखूनों में गड्डेे भी पड़ जाते हैं। ऐसा जिंक की कमी के कारण होता है। अर्थराइटिस से पीड़ित लोगों के नाखूनों में धारियों के साथ-साथ उभार भी देखने को मिलता है।
किस मौसम में होती है नाखूनों की ग्रोथ
विशेषज्ञों के अनुसार, जहां गर्मियों में नाखूनों की ग्रोथ तेजी से होती है, वहीं सर्दियों में यह रफ्तार धीमी हो जाती है। तनाव और डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्तियों में नाखून बढ़ने की गति धीमी रहती है। दरअसल, अधिक तनाव की वजह से हीमोग्लोबिन प्रभावित होता है जिसके कारण ही ग्रोथ कम होती है।
बदलते रंग से होती है बीमारी
नाखूनों का बदलता रंग सभी लोगों में एक ही तरह की बीमारी का संकेत होता है। कई बार नाखूनों का रंग, उन पर पड़ी धारियां, नाखूनों का मोटा-पतला होना ये सब बातें एक से अधिक रोगों में भी देखने को मिलती हैं। कई बार हम बेहद सामान्य बातों पर भी गौर नहीं करते, पैर के भीतर की ओर धंसे हुए नाखून तंग जूते पहनने का संकेत देते हैं। तो वहीं नाखूनों का नीला रंग शरीर में ऑक्सीजन की कमी दर्शाता है।
इनसे होने वाला संक्रमण
हमारा शरीर कई तरह के वायरस के संपर्क में रहता है। लड़कियों को अक्सर त्वचा की समस्या रहती है। तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसका कारण नाखून है। लड़कियां अकसर नाखून बड़े करती है। लेकिन इससे त्वचा पर हुए संक्रमण को यदि नाखून से खुजाया जाए तो भी नाखून संक्रमित हो जाते हैं। साथ ही जो लोग अधिक स्विमिंग करते हैं या ज्यादा देर तक पानी में रहते हैं या फिर जिनके पैर अधिकतर जूतों में बंद रहते हैं, उनमें संक्रमण का खतरा अधिक होता है।
ऐसे बनाए इनकी सेहत
पूरे शरीर के पोषण का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। पौष्टिक आहार की मदद से न सिर्फ नाखून स्वस्थ रहते हैं, बल्कि उनमें दरार या कट लगने का खतरा भी कम हो जाता है। विटामिन बी का सेवन नाखूनों की सुंदरता बढ़ाता है।
नाखूनों की बाहरी त्वचा का खास ध्यान रखना चाहिए। क्यूटिकल्स ही फंगस और बैक्टीरिया के संक्रमण से बचाव करते हैं। नाखून के आसपास की त्वचा को नियमित रूप से मॉइस्चराइजर की नमी देना भी आवश्यक होता है। विटामिन सी का सेवन नाखूनों के आसपास की त्वचा को कटने-फटने से रोकता है।
नाखूनों पर कम से कम रासायनिक उत्पादों का इस्तेमाल करना चाहिए।