शिव जी के शिष्य और श्री राम के परम भक्त हनुमान जी की लीला अपरंपार है। पचांग के अनुसार उनका जन्म चैत्र के महीने शुक्ल पक्ष वाले दिन मनाया जाता है। यह शुभ अवसर यानी आज के दिन मनाया जाएगा। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के कारण उनके भक्तों को घर में ही रह कर उनका यह पावन अवसर मनाना पड़ेगा। आइए आपको बताते है कि आप उन्हें घर में ही कैसे प्रसन्न कर सकते है।
पूजा की विधि
-सबसे पहले तो आपको यह खास मौका मिला है कि आप अपनी सादगी से ही उन्हें प्रसन्न कर सकते है।
-उन्हें महंगे भेट से ज्यादा आपकी भक्ति पसंद आती है।
-ब्रह्मचर्य का पालन करें।
-संभव हो तो जमीन पर सोए।
-पूजा स्थान पर हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना करें और आरती उतारें।
-गुड़, भीगे या भुने चने व बेसन के लड्डू का भोग लगाएं।
-सिंदूर, केसर युक्त चंदन, धूप, अगरबती, दीपक के लिए शुद्ध घी या चमेली के तेल का इस्तेमाल करें।
-फूल सवरूप आप उन्हें गैंदा, गुलाब, कनेर, सूरजमुखी अर्पण करें।
-आप उन्हें सिंदूर का चोला भी चढ़ा सकते है।
हुनमान जी आरती गा कर करें उन्हें प्रसन्न
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।।
अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे।
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आणि संजीवन प्राण उबारे।पैठी पताल तोरि जमकारे। अहिरावण की भुजा उखाड़े।
बाएं भुजा असुर दल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे।सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे। जै जै जै हनुमान उचारे।
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।
जो हनुमानजी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै।आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।
मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – अप्रैल 07, 2020 को 12:01 पी एम बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त – अप्रैल 08, 2020 को 08:04 ए एम बजे
पूजा का मुहूर्त- सुबह 8 बजे तक
सर्वार्थ सिद्धि योग- 05:46 ए एम से 06:07 ए एम