देश भले ही तरक्की कर रहा है लेकिन कुछ चीजें ऐसी हैं जो बदलने का नाम नहीं ले रही। उन्हीं में से एक है घरेलू हिंसा। घरेलू हिंसा जैसे मामले भी देश में बढ़ने कम नहीं हो रहे। हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है जो आपको थोड़ा हैरान कर सकता है। गुरुग्राम में 13 साल की नौकरानी को कथित तौर पर प्रताड़ित करने का मामला सामने आया है। ऐसे में इस मामले के बाद प्रशासन ने घरेलू कामगारों के अधिकारोंके लिए पहला चार्टर तैयार करने का फैसला लिया है। यह चार्टर जिसे विशेषज्ञों की एक समिति के द्वारा तैयार किया जाएगा। इसमें न सिर्फ मजदूरों के काम करने की स्थिति या घंटे पता चलेंगे बल्कि न्यूनतम मजदूरी भी बताई जाएगी। कमेटी अपने मजदूरों के साथ रहने वाले लोगों के लिए काम के घंटे, भोजन, छुट्टी के दिन, परिवार के साथ बातें, चिकित्सा व्यय आदि की संख्या भी साफ तौर पर बताएगी।
गुरुग्राम में होगी नई शुरुआत
भारत में अभी कोई ऐसे नियम की शुरुआत नहीं हुई है हालांकि दुनिया भर के ज्यादातर शहरों ने घरेलू श्रमिकों और मजदूरों के कर्तव्यों के लिए कई तरह के नियम बनाएं हैं। गुरुग्राम में घरेलू काम करने वाले मजदूरों की बहुत बड़ी आबादी है और कई बार तो उनका शोषण भी किया जाता है। डीसी निशांत यादव ने कहा कि - हालांकि जब हमें इस बात की जानकारी मिलती है तो हमें पता चलता है कि जानकारी नहीं मिलती, ज्यादातर श्रमिकों को अपने अधिकारों के बारे में नहीं पता होता। हम श्रमिकों मुख्य तौर पर मजदूरों को दिए जाने वाली जरुरी कार्य परिस्थितियों, सुविधाओं और अधिकारों के बारे में बताएंगे। हमने कई मामलों में यह भी पाया है कि अधिकांश मजूदरों को वेतन कम दिया जाता है इसलिए हम न्यूनतम मजदूरी की सीमा निर्धारित करेंगे। मजदूर अपने घरेलू मजदूरों के साथ 24 घंटे काम के कॉन्ट्रैक्ट में प्रवेश कर रहे हैं, जो संभव नहीं है और कानूनी समीक्षा के लिए रखा गया है। प्रशासन उनके कल्याण के लिए किसी और किसी भी नौकरानी या मजदूर विवाद को हल करने के लिए एक अधिकारी नियुक्त करने पर भी काम कर रहा है। आरडब्ल्यूए को इसके लिए अपने अधिकार क्षेत्र में एक पदाधिकारी नियुक्त करने के लिए भी कहा गया था।
13 साल की थी पीड़िता
गुरुग्राम के सेक्टर 17 की पीड़िता 13 साल की थी इसलिए सभी आरडब्ल्यूए को यह सुनिश्चित करने के लिए डोर-टू-डोर सर्वे करने के लिए भी कहा गया था कि कोई भी उम्र का घरेलू सहायक कार्यरत न हो। पुलिस और प्रशासन की एक खास टीम जल्द ही इस मामले में छापेमारी शुरु करेगी और यदि उनके क्षेत्र में कोई मामला सामने आता है तो आरडब्ल्यूए को दंडित किया जाएगा।
आरडब्ल्यूए करेगी जांच
इस मामले में आरडब्ल्यूए जांच करेगी कि कोई कम उम्र की नौकरानियां हैं और वे ऐसे घरों की रिपोर्ट करेंगे। बाल कल्याण कार्यकर्ताओं और स्थानीय गैर सरकारी संगठनों को भी ऐसे मामलों का पता लगाने और रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। छापे मारे जाएंगे और किसी भी बाल श्रमिक के मामले में न सिर्फ नियोक्त बल्कि आरडब्ल्यूए को भी दंडित किया जाएगा।