नारी डेस्क: भारतीय फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी संस्था FWICE (फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज) ने फिल्ममेकर्स से एक खास अपील की है। उन्होंने कहा है कि जब तक तुर्की अपनी नीतियों में बदलाव नहीं करता, तब तक भारतीय फिल्मों की शूटिंग वहां न की जाए। FWICE का कहना है कि भारत पर हुए आतंकी हमलों के बाद तुर्की ने पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया है, जो भारत की सुरक्षा और सम्मान के खिलाफ है।
क्या है मामला?
हाल ही में 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था, जिसमें कई जवान शहीद हुए। इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ गया है। ऐसे में FWICE ने साफ कहा है कि तुर्की जैसे देशों में शूटिंग करना, जो पाकिस्तान का समर्थन करते हैं, भारत के खिलाफ जाने जैसा है।
FWICE ने क्या कहा?
FWICE ने एक प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा- "हम सभी फिल्म प्रोडक्शन हाउस, डायरेक्टर्स, एक्टर्स और तकनीकी स्टाफ से अपील करते हैं कि वे तुर्की में शूटिंग न करें। जब तक तुर्की अपने रवैये में बदलाव नहीं करता, तब तक वहां शूटिंग से परहेज करें।"
FWICE ने अपने सिद्धांत "राष्ट्र पहले आता है" को दोहराते हुए कहा कि हमें किसी भी ऐसे देश में निवेश नहीं करना चाहिए जो भारत के विरोध में खड़ा हो। तुर्की ने कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान का समर्थन किया है और भारत के खिलाफ बयान दिए हैं।
FWICE किसे करता है प्रतिनिधित्व?
FWICE फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े करीब 36 वर्गों जैसे कि टेक्नीशियन, वर्कर्स, जूनियर आर्टिस्ट, क्रू मेंबर्स आदि का प्रतिनिधित्व करता है। यह संगठन लंबे समय से फिल्म इंडस्ट्री के लोगों के हितों की रक्षा करता आया है।
पाकिस्तानी कलाकारों पर भी बैन की मांग
FWICE के जनरल सेक्रेटरी अशोक दुबे ने भी एक बयान जारी करते हुए कहा कि अब वक्त आ गया है कि पाकिस्तानी कलाकारों को भारत में काम करने से पूरी तरह बैन किया जाए। उन्होंने कहा कि जब देश पर हमला हो, तो हमें एकजुट होकर देश के साथ खड़ा होना चाहिए।
FWICE ने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री से भावनात्मक और देशभक्ति की अपील की है कि देश की गरिमा, सुरक्षा और सम्मान को देखते हुए तुर्की जैसे देशों में शूटिंग करने से बचें। जब तक तुर्की अपनी नीति नहीं बदलता, भारत को वहां फिल्मांकन नहीं करना चाहिए। संगठन का साफ संदेश है – "राष्ट्र सबसे पहले आता है।"