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कोरोना के साथ नई आफतः आंख, नाक, जबड़ा और जान तक ले रही यह बीमारी

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 15 Dec, 2020 12:09 PM
कोरोना के साथ नई आफतः आंख, नाक, जबड़ा और जान तक ले रही यह बीमारी

भले ही कोरोना वायरस के मामलों में कमी आने लगी हो लेकिन समस्याएं ठमने का नाम नहीं ले रही है। दरअसल, कोरोना वायरस ठीक होने के बाद भी लोगों का पीछा नहीं छोड़ रहा है। दरअसल, कोरोना से ठीक होने के बाद भी लोगों में लंग प्रॉब्लम्स, सर्दी-खांसी की थोड़ी बहुत समस्या देखने को मिल रही थी। वहीं, कुछ लोगों को ठीक होने के कारण भी ब्रेन में समस्याएं आ रही थी। मगर, अब भारत में कोरोना से ठीक होने वाले लोगों में एक नई जानलेवा देखने को मिल रही है, जिससे मौत की संभावना 50% तक होती है। 

कोरोना से ठीक होने के बाद लोगों में दिखी नई बीमारी

डॉक्टरों ने बताया कि कोरोना से रिकवरी के बाद लोगों में म्युकोरमाइकोसिस नामक बीमारी देखने को मिल रही है, जो एक तरह का फंगल इंफेक्शन (कवक संक्रमण) है। इस इंफेक्शन के कारण मरीज के ठीक होने के चांसेज 50% तक ही होते हैं। कोरोना के मरीजों में ये बीमारी इतनी तेजी से बढ़ रही है कि 3 महीनों में इसके 19 मामले सामने आ चुके हैं।

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आंखों में भी हो रही दिक्कतें

साथ ही कोरोना से ठीक होने के बाद कुछ लोगों को आंखों में दिक्कतें हो रही हैं। ज्यादातर मरीजों की आंख की रोशनी भी चली जाती है। खबरों के मुताबिक, ठीक होने के बाद कुछ मरीजों के आंखों की पुतलियां बाहर आ जाती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक ऐसे 5 मरीज आ चुके हैं, जिनमें से 2 की मौत हो गई है और ठीक हुए अन्य लोगों की म्युकोरमाइकोसिस के कारण आंखों की रोशनी चली गई।

दिखें ये लक्षण तो हो जाए सर्तक

अगर आंख-गाल में सूजन, एक तरफ से बंद नाक, चेहरे के एक तरफ सूजन और सुन्नपन, नाक में काला क्रस्ट जमा होने जैसे लक्षण दिखे तो तुरंत बायोप्सी करवाएं। इससे बीमारी का पता चल जाएगा और समय पर इलाज करके नुकसान को बचाया जा सकता है।

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किन लोगों को अधिक संभावना

1. विशेषज्ञों के मुताबिक, जो लोग डायबिटीज मरीज है या बहुत अधिक नशा करते हैं उन्हें अधिक सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि उन्हें इसकी संभावना ज्यादा है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। 
2. इसके अलावा इम्युनिटी कम की वजह से यह वायरस किसी बीमारी से जूझ रहे मरीजों में भी विकसित हो सकता है।

तेजी से फैल रहा वायरस

पहले म्युकोरमाइकोसिस संक्रमण 15 से 30 दिन में दूसरे लोगों तक फैलता था लेकिन कोरोना के कारण यह संक्रमण 2-3 दिन में ही फैल रहा है।

कोरोना से रिकवरी के बाद ब्रेन हैमरेज का डर

यही नहीं, इंफेक्शन दिमाग तक पहुंच चुका है, जिसकी वजह से मरीजों में ब्रेन हेमरेज का खतरा भी बढ़ जाता है।दरअसल, आंख और दिमाग का सीधा संपर्क होता है इसलिए इंफेक्शन दिमाग तक को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके साथ ही कुछ मरीजों में थकान व कमजोरी, मांसपेशियों में दर्द, सांस लेने में दिक्कत जैसी कॉम्प्लिकेशन भी आ रही हैं।

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