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बच्चों की सेहत के लिए FSSAI का बड़ा कदम, स्कूल के आस-पास नहीं मिलेंगे जंक फूड

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 21 Sep, 2020 11:25 AM
बच्चों की सेहत के लिए FSSAI का बड़ा कदम, स्कूल के आस-पास नहीं मिलेंगे जंक फूड

चिप्स, बर्गर, कोल्ड ड्रिंक्स तो मानों आजकल लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन गया हो। यह जानते हुए भी कि ऐसा खाना सेहत के लिए कितना हानिकारक है लोग इसे मजे से खाते हैं। यही नहीं, स्कूल-कॉलेज की कंटीन में भी ऐसा भोजन मिलता है, जो बच्चों की सेहत पर बुरा असर डालता है। मगर, बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए FSSAI (फूड सेफ्टी एंड स्टेंडर्ड अटोरिटी ऑफ इंडिया) ने एक बड़ा फैसला लिया है।

FSSAI ने लगाया स्कूलों के आस-पास जंक फूड बेचने पर बैन

दरअसल, FSSAI ने एक नोटिफिकेशन जारी की है, जिसके मुताबिक, स्कूल-कॉलेज की कंटीन या बाहर अनहेल्दी फूड्स की बिक्री नहीं होगा। स्कूल-कॉलेज के कैंपस और गेट के बाहर 50 मीटर तक चिप्स, बर्गर, कोल्ड ड्रिंक्स जैसे अनहेल्दी प्रोडक्ट्स बेचने पर बैन लगा दिया है।

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फूड प्रोडक्ट्स के विज्ञापनों पर भी लगी रोक

FSSAI के नोटिफिकेशन के अनुसार, अब स्कूल के आस-पास अनहेल्दी फूड्स की एड भी नहीं दी जाएगी। किसी भी कंपनी को स्कूल कैंपस या इसके 50 मीटर के एरिया में हाई फैट, हाई शुगर और हाई सॉल्ट जैसे जंक फूड्स, पिज्जा, बर्गर, चिप्स के विज्ञापन करने की भी मनाही है। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि बच्चों की सेहत, मानसिक क्षमता और विकास के लिए हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट जरूरी है इसलिए रेगुलेशन 2020 में बदलाव किए जा रहे हैं।

FSSAI ने जारी की नई गाइडलाइन

इसके अलावा बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए FSSAI ने कुछ जरूरी बातों पर गौर करने के लिए भी कहा है जैसे...

1. स्कूल की कैंटीन/मेस/कैंपस/हॉस्टल हाई सैचुरेटेड या ट्रांसफैट, ऐडेड शुगर या सोडियम वाले फूड्स नहीं दिए जाएंगे। इसके अलावा इन्हें स्कूल के आस-पास बेचने पर भी जुर्माना लगाया जाएगा।

2. कैंपस में प्रोग्राम आयोजित करके हेल्दी, लोकल और सीजनल फूड्स की अहमियत समझाई जाएगी, ताकि वो सेफ और बैलेंस डाइट लेने के लिए प्रेरित हो।

3. सभी स्कूल जो भी आहार प्रमोट करेंगे वो NIN (National Institute of NutritionNIN) की गाइडलाइन के मुताबिक होनी चाहिए। साथ ही स्कूल किचन स्टॉफ इसके लिए न्यूट्रीशनिस्ट्स और डायटीशियन्स की मदद ले सकते हैं।

4. सभी स्कूलों के नोटिस बोर्ड पर इंग्लिश और हिंदी भाषा में लिखा होना चाहिए "Do not sell or market advertise the food products high in saturated fat or trans-fat or added sugar or sodium within school premises or campus"

5. स्कूल के कैंपस या 50 मीटर के एरिए में जंक और प्रॉसेस्ड फूड्स बनाने वाली कंपनियां कोई भी ब्रांड प्रमोशन, लोगो, पोस्टर नहीं लगा सकती।

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जंक फूड्स से बच्चों में एलर्जी का खतरा

हाल ही में हुए एक रिसर्च के अनुसार, ऐसे फूड्स बच्चों में एलर्जी का कारण बन सकते हैं। इससे बच्चों के शरीर में ग्लाइकेशन की मात्रा बढ़ जाती है, जिसकी वजह से एलर्जी हो सकती है।

कम उम्र में डायबिटीज और हड्डी रोगों का खतरा

पिज्जा, फ्रेंच फ्राइज, बर्गर, न्यूडल्स, डोनट्स, कोल्ड ड्रिंक्स जैसी चीजों का सेवन बच्चों को कम उम्र में डायबिटीज का मरीज बना सकता है। वहीं, लंबे तक इनका सेवन हड्डियां भी कमजोर कर देता है।

कमजोर याददाश्त

जंक फूड्स से बच्चों का मानसिक विकास अच्छी तरह नहीं हो पाता, जिससे उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लंबे समय तक इसका सेवन कमजोर याददाश्त, अल्जाइमर का खतरा पैदा करता है।

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