किसी भी सब्जी का छौंक लगाने के लिए जीरा खासतौर पर इसतेमाल होता है। इससे खाने का स्वाद बढ़ने के साथ सेहतमंद रहने में भी मदद मिलती है। सुबह खाली पेट जीरे का पीना पीने से वजन कम होने के साथ कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है। ऐसे में ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहने के साथ दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा कम रहता है। मगर आजकल बाजार में नकली जीरा बिकने लगा है। ऐसे में कमली जीरे से तैयार चीजों का सेवन करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के लगने का खतरा रहता है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि नकली जीरा बनाने का तरीका व इससे होने वाला नुकसान...
नकली जीरे में इन चीजों का होता है इस्तेमाल...
- इसे बनाने के लिए जीरे में पत्थर के छोटे-छोटे दाने मिला दिए जाते हैं।
- गुड़ के शीरे को मिलाया जाता है।
- घर की साफ-सफाई करने में इस्तेमाल होने वाले झाड़ू के भूरे का इस्तेमाल होता है।
इस तरह तैयार होता है नकली जीरा...
नकली जीरा तैयार करने के लिए जंगली घास की पत्तियों को गुड़ के पानी में मिलाया जाता है। सुखने के बाद इसका रंग एकदम जीरे की तरह हो जाता है। फिर इसमें पत्थर का पाउडर मिलाकर लोहे की छननी से जान लिया जाता है। इसके अलावा इसमें जीरे जैसा रंग देने के लिए स्लरी पाउडर भी मिलाया जाता है।
सेहत को नुकसान...
- नकली जीरे से तैयार भोजन का सेवन करने से इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है।
- पाचन तंत्र कमजोर होने लगेगा।
- किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है।
- स्किन एलर्जी होने का भी सामना करना पड़ सकता है।
- लंबे समय तक नकली जीरे का इस्तेमाल करने से कैंसर जैसा गंभीर रोग हो सकता है।
यूं पहचाने नकली जीरा...
दिखने में एक जैसा होने के बावजूद भी असली जीरे की आराम से पहचान की जा सकती है।
1. इसे चैक करने के लिए एक कटोरी में पानी भरकर उसमें जीरा डालें। नकली जीरा पानी में जाते ही टूटने व रंग छोड़ने लगेगा।
2. इसके विपरीत असली जीरा वैसे का वैसा ही रहेगा। इसके अलावा असली जीरे को खुशबू से भी पहचाना जा सकता है।