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मुंबई के ये गणेश पंडाल नहीं देखे तो क्या देखा, यहां का नजारा देख खुश हो जाता है मन

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 05 Sep, 2024 07:42 PM
मुंबई के ये गणेश पंडाल नहीं देखे तो क्या देखा, यहां का नजारा देख खुश हो जाता है मन

नारी डेस्क: मुंबई में गणेश चतुर्थी के दौरान कई प्रसिद्ध गणेश पंडाल स्थापित किए जाते हैं, जो भव्यता और श्रद्धा के लिए पूरे देश में मशहूर हैं। ये पंडाल न केवल अपनी मूर्ति की सुंदरता के लिए बल्कि उनकी खास सजावट, ऐतिहासिक महत्व और दर्शन के लिए भी प्रसिद्ध हैं। यहां मुंबई के सबसे प्रसिद्ध गणेश पंडालों और उनकी विशेषताओं का विवरण दिया गया है:

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लालबागचा राजा (Lalbaugcha Raja)

स्थान: लालबाग, परेल
स्थापना: 1934
खासियत:  लालबागचा राजा मुंबई के सबसे प्रतिष्ठित गणेश पंडालों में से एक है और हर साल लाखों भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं।  इसे "इच्छा पूर्ती गणपति" भी कहा जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यहां की गई प्रार्थना पूरी होती है।
गणपति की मूर्ति आमतौर पर 12-15 फीट ऊंची होती है, और उसकी सजावट बहुत ही आकर्षक होती है। पंडाल में सुरक्षा और दर्शन के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जाती हैं।

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गणेश गल्ली मंडल 

स्थान: गणेश गली, लालबाग
स्थापना: 1928
खासियत:   यह लालबाग के नजदीक स्थित एक अन्य प्रसिद्ध गणेश पंडाल है, जिसे "मुंबईचा राजा" के नाम से जाना जाता है। यह पंडाल अपनी विशाल मूर्तियों और भव्य सजावट के लिए जाना जाता है। हर साल यहां पर अलग-अलग थीम पर सजावट की जाती है, जो देखने वालों को मंत्रमुग्ध कर देती है। पंडाल की सजावट में ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक तत्वों का अनूठा मिश्रण होता है।

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केशवजी नायक चॉल गणेशोत्सव 

स्थान: गिरगांव, मुंबई
स्थापना: 1893
खासियत:  यह मुंबई का सबसे पुराना गणेश पंडाल है, जिसकी स्थापना लोकमान्य तिलक द्वारा स्वतंत्रता संग्राम के दौरान की गई थी। यह पंडाल अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है और यहां गणपति की पूजा बहुत ही पारंपरिक तरीके से की जाती है। गणेश चतुर्थी पर यहां धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है।

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जीएसबी सेवा मंडल

स्थान: माटुंगा, मुंबई

खासियत:  इसे "मुंबई का सबसे अमीर गणेश पंडाल" कहा जाता है, क्योंकि यहां की गणेश प्रतिमा को सोने और चांदी के आभूषणों से सजाया जाता है। यहां की गणेश मूर्ति की पूजा वैदिक मंत्रोच्चार और पारंपरिक कर्नाटकी शैली में की जाती है। पंडाल की सजावट और गणेश की मूर्ति का वैभव अद्वितीय होता है, और यहां दर्शन करने वालों की संख्या भी बहुत अधिक होती है।
 

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