हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। सभी पूर्णिमा में ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा को खास माना गया है। भारत के कुछ जगहों पर ज्येष्ठ पूर्णिमा को वट पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है। इस साल ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि 4 जून रविवार मनाई जाएगी। बता दें कि इस दिन पूजा अर्चना के साथ कुछ उपाय करने से विशेष लाभ प्राप्त होंगे। चलिए जानते हैं कि शुभ फल की प्राप्ति के लिए ज्येष्ठ पूर्णिमा पर कौन से उपाय करने चाहिए।
इन चीजों का करें दान
हिंदू धर्म में मानयता है कि इस दिन स्नान करने के बाद कुछ चीजें ब्राह्मणों को दान करने से आपके जीवन सुख-समृद्धि होती है। ऐसा कहा जाता है कि दान चंद्रमा से जुड़ी चीजों का करना चाहिए जैसे कि सफेद वस्त्र, शक्कर, चावल, दही, चांदी, सफेद फूल, मोती।
पीपल के पेड़ की पूजा
हिंदू धर्म के मुताबिक इस दिन पीपल के वृक्ष में मां लक्ष्मी का आगमन होता है। ऐसे में इस दिन सुबह स्नान के बाद पीपल के पेड़ पर कुछ मीठा चढ़ाएं और जल अर्पित करें। इससे मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी।
स्नान और दान
कहा जाता है कि ज्येष्ठ पूर्णिमा पर स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। ऐसे में आप इस दिन स्नान और पूजा के बाद जरुरतमंदों को दान जरूर करें।
मां लक्ष्मी की पूजा
वहीं इस दिन मां लक्ष्मी की प्रतिमा पर 11 कौड़ियां चढ़ाएं और हल्दी से तिलक जरुर करना चाहिए। ध्यान रहे ज्येष्ठ पूर्णिमा के अगले दिन इन कौड़ियों को एक लाल कपड़े में बांधकर वहां रख दें जहां आप धन रखते है। ऐसा करने से आपके ऊपर मां लक्ष्मी मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी और घर में धन की कभी कमी नहीं होगी।
ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत का महत्व
मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से घर में सुख-समृद्धि आती है। मानसिक तनाव, चिंताएं और परेशानियां दूर होती हैं। पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण की कथा का भी विधान है साथ ही रात में देवी लक्ष्मी की पूजा से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है। कहा जाता है कि इसी तिथि पर भगवान श्री कृष्ण ने ब्रज में गोपियों संग रास रचाया था।