धार्मिक मान्यता के अनुसार, भारत में पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध किया जाता है। इस साल ये दिन 1 सितंबर से 17 सिंतबर तक चलेंगे। इन दिनो में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान आदि कर्म किए जाते हैं। साथ ही पंडितों को भोजन व दान दिया जाता है। ऐसे में पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलने के साथ उनका आशीर्वाद मिलता है। मान्यता के अनुसार, इन दिनों तक जहां कुछ काम करने की मनाही होती है, वहीं कुछ चीजों के दान करना शुभ माना जाता है। तो चलिए जानते हैं उन चीजों के बारे में...
कपड़े
मान्यता है कि श्राद्ध के दिनों में किसी गरीब या फिर ब्राह्मण को धोती,दुपट्टा या कोई सूट लाकर दान करना चाहिए। इससे पूर्वज प्रसन्न होने के साथ आर्थिक परेशानी दूर होती है।
गुड़ और नमक
अगर आप भी अपने पितरों की आत्मा की शांति की कामना करते हैं तो श्राद्घ के इन 15 दिनों में किसी भी दिन गुड़ या नमक का जरूर दान करें। इससे घर में सुख- समृद्धि व शांति भरा वातावरण माहौल रहता है। साथ ही घर में चल रहे कलह-क्लेश दूर होते हैं।
काला तिल
मान्यता है कि श्राद्ध के दिनों में कई चीजों का दान देना चाहिए। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलने के साथ उनकी कृपा मिलती है। मगर कहीं आप किसी चीज का दान नहीं कर सकते हैं तो ऐसे मेंं सिर्फ काले तिल का दान करने से भी लाभ होता है। इससे जीवन में आने पर परेशानियां दूर होती है।
जूते-चप्पल
माना जाता है कि इन दिनों किसी गरीब को जूते या चप्पल जरूर देने चाहिए। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलने के साथ उनका आशीर्वाद मिलता है। साथ ही घर में खुशहाली व सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
चांदी
चांदी को बेहद ही पवित्क माना जाता है। इसलिए इन दिनों में चांदी की धातु से तैयार किसी भी चीज का दान करने से पितरों को खुशी मिलती है। साथ ही चांदी का संबंध चंद्र ग्रह से माना जाता है। इसलिए श्राद्ध के दिनों में चांदी,चावल व दूध से बनी किसी चीज का दान करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है।