नारी डेस्क: महिलाओं की जिंदगी में पीरियड्स साइकल सबसे अहम रहता है क्योंकि पीरियड्स से महिला की सेहत भी जुड़ी है और मां बनने का सुख भी। हर किसी का मासिक चक्र अलग हो सकता है, किसी को 4 दिन के अंतराल में अगला चक्र आता है तो किसी को 6 दिन के। वहीं कुछ महिलाओं के पीरियड्स अनियमित भी हो सकते हैं जिसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं जैसे बिगड़ता लाइफस्टाइल, मानसिक तनाव और रूटीन में अचानक बदलाव जैसे ट्रेवल या कोई अलग डाइट फॉलो करना।
अब आप सोच रहे होंगे कि क्या ट्रेवल करने से भी पीरियड्स साइकिल प्रभावित होता है तो बता दें कि हां, ट्रेवल करने से भी पीरियड्स साइकिल प्रभावित हो सकता है। यात्रा के दौरान जगह बदलने, नींद के पैटर्न में गड़बड़ी होने और शारीरिक-मानसिक तनाव के चलते हार्मोनल असंतुलन हो सकता है जिसके चलते पीरियड्स साइकिल अनियमित हो सकता है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
बहुत सी महिलाओं की शिकायत रहती हैं कि ट्रैवलिंग के दौरान उनकी पीरियड्स सर्कल प्रभावित हुआ है। इस पर एक्सपर्ट की राय मानें तो उनका कहना है कि ऐसा होना सामान्य बात है। जेट लैग (हार्मोन), तनाव, नींद की कमी और खाने की आदतों में बदलाव जैसे कारक पीरियड्स को प्रभावित कर सकते हैं। यदि यात्रा के दौरान पीरियड्स में बदलाव का अनुभव हो रहा है तो आप कुछ सावधानियां बरत सकते हैं यदि समस्याएँ लगातार बनी रहती हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।
एक्सपर्ट के अनुसार, जेट लैग हार्मोन, ट्रैवल के दौरान शरीर की आंतरिक घड़ी को प्रभावित करता है। यह शरीर के सर्कैडियन रिदम को बदल देता है, जिससे ओव्यूलेशन के लिए आवश्यक हार्मोन का स्तर प्रभावित होता है।
तनाव और पीरियड साइकल
जब हम यात्रा करते हैं तो नए वातावरण और गतिविधियों के कारण शरीर पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) का स्तर बढ़ जाता है। कोर्टिसोल का उच्च स्तर प्रजनन हार्मोन के संतुलन को बाधित करता है, जिसके परिणामस्वरूप पीरियड्स में देरी हो सकती है।
नींद में कमी और खाने की आदतों में बदलाव
यात्रा के दौरान नींद की कमी और खाने-पीने की बदली रूटीन के चलते पीरियड साइकल प्रभावित हो सकता हैं। जब शरीर को उचित नींद नहीं मिलती या भोजन की आदतें बदलती हैं, तो यह शरीर के हार्मोनल बैलेंस को असंतुलित कर सकता है। यह भी पीरियड्स में देरी और अन्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
मूड स्विंग्स
यात्रा से होने वाले तनाव और थकान के कारण हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जिससे मूड स्विंग्स हो सकते हैं। शारीरिक और मानसिक तनाव के कारण पीरियड्स में देरी हो सकती है।ट्रेवल के कारण होने वाले तनाव से पीरियड्स के दौरान दर्द की तीव्रता बढ़ या घट सकती है।
यात्रा के दौरान बरतें ये सावधानियां
पर्याप्त नींद लेने की कोशिश करें।
यात्रा के दौरान तनाव कम करने की कोशिश करें और मानसिक शांति बनाए रखें।
अपनी खाने की आदतों को संतुलित रखें और यात्रा के दौरान पौष्टिक आहार का सेवन करें।
नोटः
ये सभी बदलाव अस्थायी होते हैं और आमतौर पर यात्रा के बाद नियमित रूटीन में लौटने पर पीरियड साइकिल सामान्य हो जाती है।
हाँ, ज्यादा ट्रेवल करने से पीरियड साइकिल प्रभावित हो सकता है। यह आपके शरीर में निम्नलिखित बदलाव कर सकता है:
अनियमित पीरियड्स:
समय क्षेत्र बदलने और नींद के पैटर्न में गड़बड़ी के कारण पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं।
मूड स्विंग्स:
यात्रा से होने वाले तनाव और थकान के कारण हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जिससे मूड स्विंग्स हो सकते हैं।
पीरियड्स में देरी:
शारीरिक और मानसिक तनाव के कारण पीरियड्स में देरी हो सकती है।
पीरियड्स के दौरान दर्द में बदलाव:
ट्रेवल के कारण होने वाले तनाव से पीरियड्स के दौरान दर्द की तीव्रता बढ़ या घट सकती है।
ये सभी बदलाव अस्थायी होते हैं और आमतौर पर यात्रा के बाद नियमित रूटीन में लौटने पर पीरियड साइकिल सामान्य हो जाती है।