रक्षाबंधन का त्योहार हर साल सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र व सुख-समृद्धि की कामना करते हुए उन्हें रक्षा सूत्र बांधती है। वहीं इस दिन पूर्णिमा भी होती है। ऐसे में पूर्णिमा की रात कुछ खास उपाय करने से जीवन की समस्याएं दूर होकर घर में सुख-समृद्धि व खुशहाली का संचार होता है। साथ ही अन्न व धन संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। चलिए जानते हैं इन उपायों के बारे में...
कुंडली में चंद्रमा मजबूत करने के लिए
पूर्णिमा की रात चंद्रमा की पूजा करने का विशेष महत्व है। इसके लिए चंद्रमा को दूध से अर्घ्य दें। साथ ही अर्घ्य देते समय वहीं बैठ कर "ॐ सोमेश्वराय नम:" का मंत्र करें। मान्यता है कि इससे कुंडली में चंद्रमा मजबूत होने में मदद मिलती है। इसके साथ ही इस दिन दूध या खीर का दान करने से शुभफल की प्राप्ति होती है।
कर्ज से राहत पाने के लिए
मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन किसी पिंजरे में बंद पक्षी को आजाद करने से कर्ज की परेशानी से मुक्ति मिलती है।
परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए
पूर्णिमा यानि आज के दिन अरने कुलदेवी और कुलदेवता के मंदिर जाएं। एक नींबू लेकर उसे अपने ऊपर 21 बार घुमाएं। फिर नींबू को 2 हिस्सों में काटकर उसे विपरीत दिशाओं में फेंक दें। इस उपाय के बाद अपनी कुलदेवी या कुलदेवता से प्रार्थना करते हुए पूजा करें। अपनी गलतियों की मांफी मांगे। मान्यता है कि इससे जीवन की समस्या परेशानियां दूर होने में मदद मिलती है।
रूका धन वापस पाने के लिए
आप अपना रूका हुआ पैसा वापस पाने के लिए कपूर से जुड़ा उपाय कर सकते हैं। इसके लिए कपूर को जलाकर उसका कागज बनाएं। फिर काजल से कागज पर उस आदमी का नाम लिखकर उसे किसी भारी पत्थर के नीचे दबाएं। मान्यता है कि इससे रुका व अटका हुआ पैसा जल्दी ही वापस मिल जाता है।
भाई की तरक्की के लिए
आज पूर्णिमा के साथ रक्षाबंधन का त्योहार भी है। ऐसे में आज के दिन बहनें फिटकरी लेकर भाई के चारों ओर उल्टी दिशा में घुमाकर उसे घर के बाहर आग में जलाएं। कहा जाता है कि इससे नजरदोष से बचाव होता है। साथ ही भाई की तरक्की के रास्ते खुलते हैें। ऐसे में उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
शनि दोष या कालसर्प से मुक्ति पाने के लिए
काले रंग का चौकोर पत्थर लेकर खड़िया से शनि यंत्र बनवाएं। फिर उसे यंत्र को अपने ऊपर से उल्टी दिशा में 8 बार फेरकर बहते जल या कुए में डाल दें। मान्यता है कि इससे शनि व कालसर्प दोष से छुटकारा मिलता है।
राहु या चंद्रमा दोष से मुक्ति पाने के लिए
आज के दिन वट वृक्ष यानि पीपल पेड़ की पूजा करें। इसके साथ ही स्फटिक माला से 108 बार "एंग सरस्वत्यै नम:" मंत्र का जाप करें। मान्यता है कि ऐसा करने से कुंडली में राहु या चंद्रमा दोष से मुक्ति मिलती है।