भारत में त्योहारों को बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। बात हम दशहरे की करें तो यह नवरात्रि के बाद मनाया जाता है। इसे विजयदशमी भी कहा जाता है। मैदानों व पार्कों पर नौ दिनों तक रामलीला खेली जाती है। उसके बाद रावण, कुंभकरण व मेघनाद के बड़े- बड़े पुतले जलाए जाते हैं। लोग बड़े ही चाव रावण दहन को देखने जाते हैं। मगर वास्तु व ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, इस दिन कुछ परंपरागत काम करने से घर में सुख- समृद्धि का संचार होता है। तो चलिए जानते उन कार्यों के बारे में...
- दशहरे के दिन सुबह जल्दी उठकर नहाकर साफ कपड़े पहनें। फिर राम जी, लक्ष्मण जी, सीता जी, हनुमान जी, वाहन, शस्त्र और शमी के पेड़ की पूजा करनी चाहिए।
- जो लोग रावण दहन देखने जाते हैं। उन्हें घर से निकलने से पहले अपना मस्तक पर तिलक लगा कर जाना चाहिए।
- कई जगहों पर गिलकी के पकौड़े और गुलगुले (मीठे पकौड़े) बनाकर खाए जाते हैें। ऐसे में वे एक- दूसरे को ये खिलाकर इस त्योहार की खुशी मनाते हैं। ऐसे में आप इससे अपने रिश्तेदारों का मुंह मीठा करवाकर उन्हें बधाई दें।
- घर वापिस आते हुए शमी के पत्तों को लेकर आना चाहिए। साथ ही अपने रिश्तेदारों व मित्रों को वे पत्ते देने हुई दशहरे की बधाई देनी चाहिए। अपने से बड़ों के पैर चुकर आशीर्वाद लेना चाहिए। साथ ही छोटे बच्चों को पैसे, कपड़े या तोहफे दशहरी के तौर पर देने चाहिए।
- जो लोग रावण दहन देखकर घर वापिस आते हैं। उनका घर पर स्वागत आरती उतारकर करना चाहिए।
- दशहरे वाले दिन दुर्गा सप्तशति या चंडी पाठ करना चाहिए। इससे शुभफल की प्राप्ति होती है।
- दशहरे वाले दिन घर में अंधेरा नहीं रखना चाहिए। ऐसे में घर को दीए, मोमबत्तियों आदि से सजाना चाहिए। इसके साथ ही पीपल, शमी और बरगद के वृक्ष के नीचे और मंदिर में दीपक जरूर जलाना चाहिए।
- इस पावन दिन में बुराई पर अच्छाई ने जीत हासिल की थी। ऐसे में हम सभी को भी इस दिन सच की राह पर चलने का प्रण लेना चाहिए। साथ ही अपने अंदर से बुराई और क्रोध को खत्म कर सभी के साथ प्यार हो दोस्ती के साथ रहना चाहिए।