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Basant Pachami पर भूलकर भी न करें ये गलतियां, नाराज हो जाती हैं मां सरस्वती

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 01 Feb, 2024 06:49 PM
Basant Pachami पर भूलकर भी न करें ये गलतियां, नाराज हो जाती हैं मां सरस्वती

 हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इस साल सरस्वती पूजा 14 फरवरी को मनाई जाएगी। इस दिन ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती की विधि- विधान से पूजा की जाती है। इस बार मां सरस्वती की पूजा- अर्चना करने से मां प्रसन्न होकर दोगुना फल देती हैं।इसके अलावा बसंत पंचमी के दिन सुहागिन महिलाएं माता तुलसी (Tulsi Puja) की भी पूजा करती हैं।

देवी को पीले रंग की चीजों का भोग

इस दिन ज्ञान की देवी को पीले रंग की चीजों का भोग लगाया जाता है। इस दिन पीले रंग के कपड़े भी पहने जाते हैं।

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बसंत पंचमी पर इन चीजों का भोग लगाकर करें मां सरस्वती को प्रसन्न

-केसरिया मीठे चावल 
- बेसन के लड्डू 
- मूंग की दाल का हलवा 
- मकई का हलवा
- शाही फिरनी 

इस दिन भूल कर भी न करें ये काम

- इस शुभ दिन पर बिना स्नान किए किसी भी चीज का सेवन न करें। मां सरस्वती की पूजा करने के बाद ही कुछ खाएं।
- किसी पेड़-पौधों की कटाई-छटाई न करें। वसंत ऋतु के सम्मान के लिए वृक्षों को काटने से बचें।
- वसंत पंचमी के दिन भूलकर भी काले, लाल या अन्य रंग बिरंगे वस्त्र नहीं धारण करने चाहिए।
- वसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा आराधना होती है। हवन आदि भी किया जाता है। इस दिन सात्विक भोजन ग्रहण करना अच्छा होता है।
- माता की पूजा के बाद मांस-मंदिरा से दूरी बनाकर रखें।
-  इस दिन मन में कोई भी गलत विचार न लाएं और न ही किसी व्यक्ति को अपशब्द कहें।

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मां सरस्वती के मंत्र

1. या कुंदेंदुतुषारहारधवला, या शुभ्रवस्त्रावृता।

या वीणा वर दण्डमण्डित करा, या श्वेत पद्मासना।।

या ब्रहमाऽच्युत शंकर: प्रभृतिर्भि: देवै: सदा वन्दिता।

सा मां पातु सरस्वती भगवती, नि:शेषजाड्यापहा।।

2. ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।

कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्।।

वह्निशुद्धां शुकाधानां वीणापुस्तकमधारिणीम्।

रत्नसारेन्द्रनिर्माणनवभूषणभूषिताम्।।

सुपूजितां सुरगणैब्रह्मविष्णुशिवादिभि:।

वन्दे भक्तया वन्दिता च।।

3. माता सरस्वती मूल मंत्र- ॐ ऐं सरस्वत्यै ऐं नमः।।

4. सरस्वती गायत्री मंत्र- ॐ सरस्वत्यै विद्महे, ब्रह्मपुत्रियै धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात।।

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