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यमराज की दिशा में बनवाएंगे दरवाजा तो सेहत व संपत्ति दोनों का होगा नुकसान!

  • Edited By neetu,
  • Updated: 07 Sep, 2020 11:37 AM
यमराज की दिशा में बनवाएंगे दरवाजा तो सेहत व संपत्ति दोनों का होगा नुकसान!

वास्तु के अनुसार, घर बनवाने से पहले इसकी दिशा की ओर खास ध्यान देना चाहिए। नहीं तो गलत दिशा में बना घर शारीरिक, मानसिक व आर्थिक रूप से परेशानियां देने का काम करता है। खासतौर पर कभी दक्षिणमुखी घर नहीं खरीदना चाहिए। असल में, यह दिशा यमराज देव की मानी जाती है। ऐसे में इस दिशा पर बना घर यम देव का कहलाता है। इसलिए इस दिशा में घर या मुख्य द्वार होने से जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। मगर वास्तु के अनुसार कुछ उपायों को करके इसे प्रभाव को कम किया जा सकता है। अगर आपका घर दक्षिण दिशा में है या आप वहां घर बनाने की सोच रहे हैं तो इन उपायों को अपनाकर इस जमीन में रहने से होने वाले नुकसान से खुद को और अपने परिवार को बचा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं उन उपायों के बारे में...

दक्षिणमुखी घर बनवाने से पहले करें यह काम 

वैसे तो वास्तु के अनुसार, कभी भी घर दक्षिणमुखी नहीं खरीदना चाहिए। यह अशुभता का प्रतीक माना जाता है। मगर फिऱ भी अगर आप दक्षिणमुखी घर खरीद रहे हैं तो इसके लिए इसे सीधा अपने नाम पर लेने की जगह किसी ऐसे व्यक्ति के नाम पर करें जिस पर आपको पूरा भरोसा हो। फिर घर को दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर से  बनावाना शुरू करें। घर के पूरी तरह बन जाने के बाद ही उसे अपने नाम पर करवाएं। इससे घर का वास्तुदोष दूर होने में मदद  मिलेगी। 

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अगर दक्षिण दिशा में है दरवाजा तो...

अगर आप घर दक्षिण दिशा में बनवा रहे है तो घर को सड़क से ऊंचा बनवाएं। साथ ही इस दिशा में बनने वाले कमरे भी ऊंचे ही रखे। इससे घर के सदस्यों पर किसी भी तरह का कोई बुरा असर नहीं होगा। सभी सेहत बरकरार रहने के साथ घर में सुख- समृद्धि व शांति का वास होगा। साथ ही पैसों से जुड़ी परेशानियां दूर होंगी। 

पानी के बहाव का रखें ध्यान

घर का दक्षिण दिशा में होने से घर में मौजूद महिलाओं की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। साथ ही नौकरी, कारोबार व बिजनेस में परेशानी व रूकावटों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में इस दोष को दूर करने के लिए घर के पानी के बहाव पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। इसके लिए जिन लोगों का घर दक्षिण दिशा में बना हो। उन्हें वहां के पानी का बहाव उत्तर दिशा से बाहर की ओर बनवा लेना चाहिए। ताकि घर की महिला को सेहत के प्रति कोई  परेशानी न हो। साथ में कारोबार व नौकरी से जुड़ी समस्याएं भी दूर हो सके। 

शीशा लगाए

दक्षिण दिशा में बने घर का वास्तुदोष दूर करने के लिए घर के अंदर प्रवेश करने वाली दीवार पर एक बड़ा सा शीशा लगाएं। शीशा इतना बड़ा होना चाहिए कि उसमें घर के अंदर आने वाला की पूरी छवि दिखाई दें। ऐसा करने से घर के अंदर नेगेटिविटी नहीं जा सकेगी। इसतरह घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने से घर वालों की सेहत बरकरार रहने के साथ घर का माहौल खुशियों भरा रहेगा। लड़ाई-झगड़ें दूर हो घर में सुख- समृद्धि व शांति का वास होगा।

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हनुमान जी का चित्र 

दक्षिण दिशा के प्रभाव व वास्तुदोष को कम करने के लिए घर के मुख्य द्वार के ठीक सामने बजरंगबली का कोई चित्र या तस्वीर लगाएं। इससे वास्तुदोष दूर होने के साथ घर में चल रही परेशानियों से छुटकारा मिलेगा।

दक्षिण दिशा पर पैर करके न सोएं

वास्तु के अनुसार, यह दिशा यमराज देव की होने से इस दिशा की ओर कभी भी पैर करके नहीं सोना चाहिए। सेहत की दृष्टि से ऐसा करना बेहद अशुभ माना जाता है। असल में, यह दिशा यमराज जी की होने से ही किसी भी मृत व्यक्ति को घर की दक्षिण दिशा की ओर पैर करके ही लिटाया जाता है। ताकि उसके अंदर बाकी की सांसें नष्ट हो वह पूरी तरह से शरीर को त्याग दें। साथ ही उसकी आत्मा को इस देह से छुटकारा मिल सके।

 
 

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