दिवाली का पर्व जीवन से अंधकार मिटाने और रोशनी लाने का होता है। यही वजह है की इस दिन पूजा हो या फिर दीये, हर बात का विशेष ध्यान रखा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं की दिवाली के दिन घर के हर कोने के लिए अलग रंगों के दीये जलाने का वास्तु नियम है? अगर नहीं जानते हैं तो भी टेंशन मत लीजिए, इस आर्टिकल में हम आपको यह सारी जानकारी मुहैया करवा रहे हैं।
मिट्टी के दिये होते हैं शुभ
यूं तो बाजार में मिट्टी के अलावा अन्यश धातुओं पीतल, चांदी और तांबे के दीपक मिलते हैं। लेकिन वास्तु के अनुसार मिट्टी के दीये सबसे अनुकूल और शुभ माने जाते हैं इसलिए इन्हीं का उपयोग करें।
प्रवेश द्वार का दीया जले सारी रात
धातु ऊर्जा के अच्छे संवाहक हैं और मिट्टी के दीपक ऊर्जाओं के उत्कृष्ट भंडार बन सकते हैं इसलिए पारंपरिक रूप से इनका बहुत महत्व है। इसलिए प्रवेश द्वार पर मिट्टी का दीये जलाएं लेकिन ध्यातन रखें कि यह दीया पूरी रात जलाना चाहिए।
इन रंग के दीयों से आएगी सकारात्मक ऊर्जा
घर की उत्तर दिशा में नीले रंग के मिट्टी का दीया जलाएं। पूर्व में हरे रंग और दक्षिण-पूर्व में नारंगी रंग का दीपक जलाएं। इसके अलावा दक्षिण में लाल रंग का दीपक, दक्षिण-पश्चिम में गुलाबी या ग्रे रंग का दीपक जलाएं। घर की पश्चिम दिशा में गहरे नीले रंग का दीपक और उत्तर-पश्चिम में नीला या ग्रे रंग का दीपक जलाना शुभ रहेगा। मान्यकता है की इस रंग के दीपक इन दिशाओं में जलाने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
दिवाली पर ऐसे करें पूजा-आराधना
दिवाली के समय आप कुछ आध्यात्मिक और शुभ प्रतीकों वासु-बारास, भगवान धनवंतरी (स्वास्थ्य के देवता) और धनतेरस पर भगवान कुबेर (धन प्रबंधन के भगवान) के साथ गाय की पूजा करना न भूलें। इसके अलावा दक्षिण में एक विशेष दीप रखकर भगवान से प्रार्थना करें कि उनकी कृपा हो और जीवन में सुख-समृद्धि का वास हो।