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Gastric Problem: पेट से जुड़ी दिक्कत हो जाएगी छूमंतर, अगर रूटीन में करें ये योगासन

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 12 May, 2023 04:28 PM
Gastric Problem: पेट से जुड़ी दिक्कत हो जाएगी छूमंतर, अगर रूटीन में करें ये योगासन

बदलती लाइफस्टाइल, खानपान की गलत आदतें, भागती-दौड़ती जिंदगी के बीच जो एक समस्या बेहद कॉमन हो गई है वह है ब्लोटिंग यानी पेट फूलने की प्रॉब्लम। आमतौर पर जब खाना खाने के बाद पेट फूला हुआ या पेट में सूजन महसूस हो तो उसे ही हम ब्लोटिंग कहते हैं। इस फूले हुए पेट की वजह से आपको असहज महसूस होता है, जी मिचलाता है और आप अपना रेग्युलर काम सही तरीके से नहीं कर पाते क्योंकि आपका दिमाग आपके पेट में ही अटका रहता है। इस समस्या से बचने के लिए आप योग का भी सहारा ले सकते हैं। योग एक्सपर्ट मानसी गुलाटी का कहना है कि वज्रासन और पवनमुक्तासन जैसे आसन पाचन को मजबूत बेहतर बनाने में मदद करते हैं। योग गैस, सूजन और गैस्ट्रिक समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है। आपको इस समस्या से बचने के लिए पवनमुक्तासन करना चाहिए।

गैस की समस्याओं का इलाज है पवनमुक्तासन

पवनमुक्तासन वाली मुद्रा गैस और पेट की बीमारियों को दूर करती है। यह आपके पाचन में सुधार करेगा और आपके पेट से गैस को बाहर निकाल सकता है। यह आपके पेट की मांसपेशियों को भी मजबूत बनाने में मददगार माना जाता है। बता दें कि कोई भी योग आसन या व्यायाम जिसमें आपके निचले शरीर और रीढ़ की हड्डी में मरोड़ शामिल है, गैस्ट्रिक बीमारियों और सूजन में सहायता करेगा।

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पवनमुक्तासन के फायदे

पवनमुक्तासन वाली मुद्रा आंतों के कामकाज को बढ़ावा देकर उन्हें ज्यादा सक्रिय बनाने के साथ साथ लीवर के कामकाज में सुधार करती है। बताया जा रहा है कि इसे करने से रीढ़ की हड्डी को मजबूती मिलती है।

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पवनमुक्तासन करने का तरीका

सबसे पहले जमीन पर या चटाई बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं। अपने पैरों और बाहों को फैलाएं। अपने घुटनों को एक साथ लाएं और अपने दोनों हाथों से पकड़ें। इसके बाद बाएं पैर को छोड़ दें और इसे फर्श पर फैलाकर रखें। लगभग 30 सेकंड के लिए इस स्थिति में रहें। अब अपने बाएं पैर को वापस लाएं, दोनों पैरों को पकड़ें। और अपने दाहिने पैर को छोड़ दें। एक मिनट के लिए दोहराएं।

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पवनमुक्तासन करते समय इस बात का रखें ध्यान

याद रखे कि जब भी आपके घुटने छाती से मिलते हैं तो आपको अपनी गर्दन को आगे की ओर झुकाना होगा। आप पैरों को बारी-बारी से बदले बिना भी आसन का प्रयास कर सकते हैं। वहीं दूसरी बात जिन्ह लोगों को गर्दन या रीढ़ की हड्डी में किसी तरह की कोई दर्द है वो इस आसन से दूर रहे।

 

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