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दिवाली बाद जहरीली हुई हवा: बढ़े सांस और दिल के मरीज डॉक्टर बोले, बाहर निकलते वक्त करें ये काम

  • Edited By Monika,
  • Updated: 23 Oct, 2025 01:00 PM
दिवाली बाद जहरीली हुई हवा: बढ़े सांस और दिल के मरीज डॉक्टर बोले, बाहर निकलते वक्त करें ये काम

नारी डेस्क : दिवाली की रौनक के बाद राजधानी की हवा एक बार फिर ज़हर बन गई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, जिससे सांस और दिल की बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। शहर के अस्पतालों में खांसी, गले में दर्द, आंखों में जलन और सांस फूलने की शिकायत वाले मरीजों की भीड़ उमड़ रही है। डॉक्टर लोगों को मास्क पहनने और घर में रहने की सलाह दे रहे हैं।

खतरनाक स्तर पर पहुंचा AQI

दिल्ली का AQI “गंभीर” श्रेणी में पहुंच गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, पटाखों के धुएं और मौसम की स्थिरता के कारण प्रदूषण में अचानक उछाल आया है। एम्स, सफदरजंग, अपोलो, मैक्स और आरएमएल अस्पतालों में सांस की तकलीफ, खांसी और आंखों में जलन की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों की संख्या पिछले दो दिनों में लगभग दोगुनी हो गई है। डॉक्टरों ने बताया, दिवाली के बाद प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों के मरीजों की संख्या दोगुनी हो चुकी है। यहां तक कि जिन लोगों को पहले कोई बीमारी नहीं थी, वे भी सांस लेने में दिक्कत महसूस कर रहे हैं।

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दिल और अस्थमा के मरीजों के लिए खतरे की घंटी

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, यह समय अस्थमा, सीओपीडी (COPD) और हृदय रोगियों के लिए बेहद खतरनाक है। मैक्स अस्पताल, साकेत में लगभग 30% ओपीडी मरीज प्रदूषण से प्रभावित पाए गए हैं। गले में खराश, सिरदर्द, खांसी और नाक बंद होने की शिकायतें आम हैं। बच्चों और बुजुर्गों में इन लक्षणों की गंभीरता ज्यादा है, डॉक्टरों ने बताया।

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लगातार बढ़ रही सांस की तकलीफ

एशियन अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार, पिछले एक सप्ताह से प्रदूषण से प्रभावित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कई मरीज रात में सांस फूलने, नींद न आने और थकान जैसी समस्याओं की शिकायत कर रहे हैं, जो शरीर में ऑक्सीजन की कमी का संकेत हैं। अस्थमा और साइनस के मरीजों में प्रदूषित हवा फेफड़ों में सूजन बढ़ा रही है।

सरकारी अस्पतालों में भी बढ़ी भीड़

सरकारी अस्पताल में सांस की समस्या वाले मरीजों की संख्या 10–15% तक बढ़ गई है। कई नए मरीज एक्यूट ब्रोंकाइटिस से पीड़ित हैं, जबकि पुराने अस्थमा और सीओपीडी के मरीजों की स्थिति बिगड़ गई है, डॉक्टरों ने बताया। बच्चों और बुजुर्गों में कमजोर इम्यूनिटी के कारण हालत ज्यादा खराब हो सकती है। अस्पताल ने प्रदूषण से निपटने के लिए विशेष ‘पॉल्यूशन क्लिनिक’ शुरू की है।

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बचाव के लिए डॉक्टरों की सलाह

बाहर जाते समय N95 मास्क पहनें।

सुबह की वॉक और एक्सरसाइज से फिलहाल परहेज करें।

घर की खिड़कियां बंद रखें और एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें।

मोमबत्ती, अगरबत्ती और मच्छर कॉइल से निकलने वाले धुएं से बचें।

धूम्रपान बिल्कुल न करें, क्योंकि यह फेफड़ों की क्षमता को और कम करता है।

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अभी नहीं खत्म होगा प्रदूषण का संकट

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक हवा में मौजूद प्रदूषक कण मौसम के बदलाव से बिखर नहीं जाते, तब तक यह स्थिति बनी रहेगी। अगले दो से चार हफ्तों तक सांस से जुड़ी बीमारियों में बढ़ोतरी की संभावना है। यह सिर्फ शुरुआत है। दिल्ली के प्रदूषण सीजन की,” डॉक्टरों ने चेतावनी दी।

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