बॉलीवुड में अपनी एक्टिंग का दम दिखाने के साथ दीपिका पादुकोण समाजिक कार्यों में भी हमेशा आगे रहती है। खुद डिप्रेशन का शिकार होने के बाद अब दीपिका दूसरे लोगों को इस बारे में जागरुक करती है। इस समय भारत का हर सातवां व्यक्ति मानसिक रोग की बीमारी से पीड़ित है। वहीं बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका ने दुनिया के सामने आकर इस मुद्दे पर खुलकर बात की और स्वीकार किया की वह इसकी शिकार हो चुकी है। जिसके बाद उन्होंने इसके लिए अभियान भी शुरु किया। दीपिका की इसी पहल को ध्यान में रखने में रखते हुए उन्हें वर्ल्ड इकनॉमिक्स फॉरम की ओर क्रिस्टल अवॉर्ड देकर सम्मानित किया गया।
वर्ल्ड इकनॉमिक्स फॉरम की ओर से स्विटरलैंड के दावोस शहर में 26 वां वार्षिक क्रिस्टल अवॉर्ड आयोजित किया गया है। जहां पर मेंटल हेल्थ सेक्टर में काम करने के लिए दीपिका पादुकोण को सम्मानित किया गया। अवॉर्ड लेने के बाद दीपिका ने बताया कि- किस तरह उनकी मां ने उनकी इस बीमारी को पहचाना और किस तरह वह उससे लड़ने में सक्षम रही। उन्होंने बताया कि बीमारी का इलाज है और इससे घबराने की कोई जरुरत नही है।
दीपिका ने शुरु किया फाउंडेशन
मानिसक बीमारी का सामना कर चुकी दीपिका ने 2015 में द लाइव लव लाफ फाउंडेशन की शुरुआद की जो मेंटर डिसॉर्डर से पीड़ित लोगों के लिए एक नई आशा है। दीपिका ने एक इंटरव्यू में बताया था, 'साल 2014 में मैं डिप्रेशन का शिकार हुईं और मैं इस दौरान काफी डरी-डरी सी रहती थी। डिप्रेशन से लड़ाई मेरा बहुत बुरा अनुभव था। मुझे एक डर सा रहता था। मेरा मन हमेशा विचलित रहता था। मुझे पता था कि मैं कैसा फील कर रही हूं मगर मैं इसे किसी से शेयर नहीं कर पाती थी। मुझे आज भी डर रहता है कि कहीं मुझे फिर से यह बीमारी ना हो जाए।' उन्होंने बताया कि वह इस दौरान रोई, घबराई, उदास हुई लेकिन टूटी नहीं। उन्होंने डिप्रेशन का हिम्मत से सामना किया, जिसमें उनकी मां उज्जवला पादुकोण ने उनकी मदद की। जब उनकी मां को दीपिका की इस हालत के बारे में पता चला तो उन्होंने काउंसलर से बात की, जहां से उनकी इलाज व दवाई शुरू हुई।
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