कोरोना का डर आज किसे नही सता रहा, हम सब इस महामारी से इतने डरे हुए है कि हम अपनी मानसिकता पर इसका असर डाल रहे है। कोरोना के कारण देशों विदेशों में लॉ़कडाउन कर दियागया, जिसके बाद हम तो अपने घर बैठे है लेकिन वो मेडिकल स्टाफ हमारे अपनों की जिंदगी बचाने के लिए खुद की जिंदगी दाव पर लगा रहे है। 20-20 घंटे ड्यूटी देकर वह अपना काम तो कर ही रहे है साथ ही अपनी जान को भी जोखिम में डाल रहे है।
हाल ही में एक शोध से ये पता चला कि चीन में कोरोना का इलाज कर रहे 50% डॉक्टर डिप्रेशन, 45% में चिड़चिड़ापन, 34% में अनिद्रा और 71% मनोवैज्ञानिक दुख का शिकार हो गए हैं। महिलाओं और नर्सों पर इसका ज्यादा बुरा असर हुआ है।
हमें लगता है कि इन डॉक्टर्स की जिदंगी कितनी आसान है लेकिन हम भूल जाते है कि उनकी जिंदगी हमारी जिंदगी से कई ज्यादा कठिन है क्योंकि उनके उपर अपने देश के मरीजों को तो बचाने की जिम्मेदारी होती ही है साथ ही खुद को और खुद के परिवार को बचाने की जिम्मेदारी अधिक होती है अब ऐसे मे वे पूरा दिन काम करते रहते है । हम सब को इन कोरोना योद्धाओं को सच में सैल्यूट करना चाहिए।