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Birth Anniversary: देश के लिए जान देकर वीरता की नई परिभाषा दे गए चंद्रशेखर आजाद

  • Edited By Janvi Bithal,
  • Updated: 23 Jul, 2020 02:39 PM
Birth Anniversary: देश के लिए जान देकर वीरता की नई परिभाषा दे गए चंद्रशेखर आजाद

देश के लोगों को आजादी दिलाने के लिए चंद्रशेखर आजाद जी ने अपनी जान तक कुर्बान कर दी। उनकी निडरता को हम आज भी सलाम करते हैं। भारत का गौरव बढ़ाने वाले चंद्रशेखर आजाद जी की आज यानि 23 जुलाई को जयंती है। चंद्रशेखर आजाद वो नाम जिसे सुनते ही भारत के हर एक नागरिक का सिना चौड़ा हो जाता है। देश की आजादी के लिए चंद्रशेखर आजाद जी ने वो कर दिखाया जिसे हम सब को आज भी गर्व महसूस होता है। वे शहीद राम प्रसाद बिस्मिल व शहीद भगत सिंह सरीखे क्रान्तिकारियों के अनन्यतम साथियों में से थे। अग्रेंजो का सामना करने वाले क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद जी की  जयंति पर हम आपको उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें बताते हैं। 

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1. देश सेवा का ज्जबा रखने वाले आजाद 15 साल की उम्र में असहयोग आंदोलन में शामिल हुए, अंग्रेजों की जड़ों को हिलाकर रखने वाले चंद्रशेखर आजाद इतनी कम उम्र में ही जीवन में पहली बार जेल गए थे। 

2. 17 साल की उम्र में आजाद हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन से जुड़े।

3. चंद्रशेखर आजाद जी को उनके शानदार दिमाग के कारण क्विक सिल्वर कहा जाता है।

4.  चंद्रशेखर आजाद जी ने देश का नाम रोशन करते हुए 1925 के काकोरी कांड में अहम भूमिका निभाई थी और अंग्रेजों की जड़ों को हिलाकर रख दिया था।

5.  चंद्रशेखर आजाद जी महात्मा गांधी का बहुत सम्मान करते थे। एक बार तो चंद्रशेखर आजाद जी ने अफनी निडरता से ऐसे जवाब दिए थे कि अंग्रेज भी हिल गए थे। दरअसल जब अंग्रेजों ने आजाद जी को गिरफ्तार किया था तो उन्हे मिजिस्ट्रेट के सामने पेश होने के लिए कहा गया था। मिजिस्ट्रेट ने जब आजाद से पिता का नाम पूछा तो उन्होंने बताया स्वतंत्रता, उनसे जब जज ने उनका नाम पूछा तो उन्होंने बताया आजाद, जब उनसे घर का पता पूछा गया तो उन्होंने कहा जेल मेरा घर है। इन जवाबों के कारण मिजिस्ट्रेट को काफी गुस्सा आ गया और उन्होंने आजाद को 15 कोड़े मारने की सजा दी थी और इसी दौरान हर कोड़े के बाद आजाद जी ने दो ही शब्द बोले- वंदे मातरम, महात्मा गांधी की जय। इस घटना के बाद से चंद्रशेखर आजाद के नाम से प्रसिद्ध हुए।

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6. चंद्रशेखर आजाद जी को उनके तेज दिमाग की वजह से क्विक सिल्वर के नाम से जाना जाता है और एक बार एक ऐसा ही किस्सा हुआ जब चंद्रशेखर आजाद जी ने अंग्रेज सिपाही की आंखों में इतनी आसानी से धूल झोंक दी कि वो भी हक्का बक्का रह गया। दरअसल संपूर्णानन्द जी ने आजाद को कोतवाली के सामने कांग्रेस की एक नोटिस लगाने का जिम्मा सौंपा था और ये काम चंद्रशेखर आजाद जी ने कड़ी सुरक्षा में भी पूरा किया था। 

आज भी भारत को और भारत के हर नागरिक को चंद्रशेखर आजाद जी पर गर्व महसूस होता है। उन्होंने देश और देश के नागरिकों के लिए अपनी जान तक शहीद कर दी। हम उन्हें सलाम करते हैं। 

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