अक्सर काम के चक्कर में लोग घंटों ऑफिस की कुर्सी पर बैठे रहते हैं। मगर, लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे रहने से मोटापा, डायबिटीज, पेट दर्द, कैंसर के अलावा डेड बट सिंड्रोम यानि Gluteal Amnesia का खतरा भी रहता है। हालांकि यह कोई गंभीर बीमारी नहीं है लेकिन समय रहते ध्यान ना दिया जाए तो इससे हिप्स व उसके आस-पास का हिस्सा कमजोर हो जाता है।
क्या है डेड बट सिंड्रोम?
एक्सपर्ट के मुताबिक, यह कूल्हों में होने वाली परेशानी है, जो एक एक मांसपेशी Gluteus Medius के ठीक तरह काम ना करने की वजह से होती है। इसके कारण सिर्फ कूल्हें ही नहीं बल्कि पीठ, घुटनों, एड़ियों में दर्द होता है।
डेड बट सिंड्रोम के लक्षण
. कूल्हों व उसके आसपान सुन्नपन, जलन व दर्द
. हिप्स में चीटियां चलती हुई महसूस होना
. अजीब से झनझनाहट व सेंसेशन महसूस होना
. हिप्स में दर्द व खिंचाव
. पीठ, घुटनों, एड़ियों में दर्द
किन लोगों को होती है अधिक समस्या?
ऐसे लोग जो कुर्सी पर बैठकर देर तक काम करते है। इसके अलावा सोफे या कार पर सीट पर भी ज्यादा देर समय बिताने वाले लोगों को भी यह समस्या हो सकती है। हालांकि Muscle Imbalance की समस्या शारीरिक रुप से सक्रिय लोगों को भी हो सकती है।
डेड बट सिंड्रोम के कारण
-दरअसल, एक ही जगह पर लंबे समय तक बैठे रहने की वजह से उनमें खून की आपूर्ति नहीं हो पाती। वहीं, मांसपेशियों का कम इस्तेमाल होने की वजह से भी कूल्हों में सुन्नपन आ जाता है। लंबे समय तक यह समस्या रहने की वजह से उसके आस-पास के हिस्सों में भी तेज दर्द होने लगता है।
-इसके अलावा तेज गति से चलने की वजह से भी डेड बट सिंड्रोम ट्रिगर हो सकता है इसलिए हमेशा धीरे-धीरे चलें।
डेड बट सिंड्रोम से बचने के टिप्स
1. इस सिंड्रोम से बचने के लिए सबसे पहले तो एक ही जगह पर चिपके ना रहें। अगर ऑफिस में है तो हर 30 मिनट बाद उठकर घूमें।
2. थोड़ी-थोड़ी देर बाद सीट उठकर हिप एरिया का इस्तेमाल करते रहें। इससे प्रभावित एरिया में ब्लड सर्कुलेशन सही रहेगा।
3. रोजाना कम से कम 30 मिनट की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करते रहें। इसे हिप्स में ब्लड सप्लाई बढ़ेगी और मांसपेशियों भी मजबूत होगी।
4. हो सके तो कुछ देर पालथी मारकर बैठ जाएं। डेली रूटीन में थोड़ा टहलें। इससे भी मांसपेशियां सक्रिए रहेंगी।
5. इसके अलावा इस समस्या से बचने के लिए अपनी रूटीन में टाइगर पोज, हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच, स्क्वाट, भुजंगासन, ब्रिज पोज को शामिल करें।
6. ऑफिस में लिफ्ट की बजाए सीढ़ियों का इस्तेमला करके भी आप इस समस्या से बच सकते हैं।
7. दर्द और सूजन को कम करने के लिए आइस पैक या कोल्ड कंप्रेस से सिकांई करें। इसके अलावा अपने पैरों को ऊपर और अच्छी तरह से समर्थित रखें।
ज्यादातर नौकरीपेशा लोग इस सिंड्रोम से ग्रस्त है लेकिन वो इसे छोटी समस्या नजरअंदाज कर देते हैं जोकि सही नहीं है।