कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी दुनिया के लिए बहुत ही बड़ा खतरा बनी हुई है। हर साल देश में कई लोग इस बीमारी के कारण मर रहे हैं। मेडिकल साइंस भी इस बीमारी के लिए दवा पर रिसर्च कर रहा है। ऐसे ही एक रिसर्च सामने आई है। मलाश्य के कैंसर यानी की रैक्टल कैंसर के इलाज के एक दवा की शुरुआती ट्रायल में शामिल हुए मरीजों को कैंसर की बीमारी से छुटकारा मिला है। इस छोटे से क्लिनिकल ट्रायल में लगभग 18 मरीजों का शामिल किया गया था, जिनको छह महीने के लिए डोस्टरलिमैब(Dostarlimab) नाम की एक दवाई दी गई थी। छह महीने के बाद उन लोगों का कैंसर पूरी तरह से ठीक हो गया। ऐसे परिणाम देखकर खुद मेडिकल जगत भी हैरान हो गया है।
ना कोई कीमोथेरीपी और न कोई रेडिएशन
वैसे तो कैंसर के रोगियों को आमतौर पर बहुत ही कठिन उपचारों से गुजरना पड़ता है, जैसे कीमोथेरिपी और रेडिएशन्स। मलाश्य के कैंसर के लिए तो कई रोगियों को कोलोस्टॉमी बैग की भी जरुरत पड़ती हैं। ऐसे मरीजों को कभी-कभी आंत, मूत्र दोष जैसी समस्याएं भी हो जाती हैं।
वरदान के तौर पर साबित हुआ इलाज
इसी बीच, ऐसा प्रशिक्षिण उन सब के लिए एक आशीर्वाद के जैसा है जो इलाज की मांग कर रहे थे। रिसर्च के सह-लेखक डॉ. एंड्रिया सेर्सेक ने नामी वेबसाइट को बताया कि- 'यह अविश्वसनीय रुप से पुरस्कृत है, इस रिसर्च में रोगियों से हमें खुशी भरे इमेल मिल रहे हैं, जिन्हें पढ़कर आंखों में आंसू आ गए हैं। क्योंकि यह इलाज बीमारी को खत्म कर रहे हैं और मरीज बहुत ही अच्छा महसूस कर रहे हैं।'
नहीं दिखे साइड इफेक्ट
मीडिया को इंटरव्यू देते हुए यूनिवर्सटी ऑफ कैलिफोर्निया में कोलोरेक्टल कैंसर के एक्सपर्ट डॉ.एलन पी. वेनुक ने बताया कि- 'सारे मरीजों का ऐसे इलाज से ठीक होना बहुत ही आश्चर्य की बात है। उन्होंने हुई इस रिसर्च को विश्वस्तरीय बताया।' वह बताते हैं कि 'इस दवाई का मरीजों को किसी भी तरह का साइड इफेक्ट भी नहीं हुआ।'