कोरोना वायरस को फैले हुए एक साल हो चुका है लेकिन वैज्ञानिक अभी भी इसके बारे में अच्छी तरह नहीं जान पाए हैं। वहीं हाल ही में कोरोना के ऐसे नए केस सामने आए हैं, जिसने वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है। दरअसल, बुखार, खांसी-जुकाम और गले में खराश के साथ अब कोरोना मरीजों में नए लक्षण दिख रहे हैं, जो खतरे की बात हो सकती है।
20% कोरोना मरीजों में दिखे नए लक्षण
दरअसल, भारत में कोरोना के ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें मरीजों को पेट संबंधी बीमारियां, जैसे- खराब पाचन तंत्र , पेट दर्द जैसी समस्याएं हो रही हैं। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिला अस्पताल के डॉ. के मुताबिक, करीब 20% मरीजों में पेट से जुड़ी दिक्कतें देखने को मिल रही है।
लीवर के साथ हो रही पेट की समस्याएं
यही नहीं, कोरोना मरीजों में लीवर के साथ दस्त की समस्याएं भी हो रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, गोरखपुर में कोरोना के कारण जान गवांने वाले 325 मरीजों में से 10-15% मरीज पेट संबंधी समस्याओं से भी जूझ रहे थे।
43% मरीजों में दिखे न्यूरोलॉजिकल लक्षण
वहीं, अमेरिका के शोधकर्ताओं ने भी 509 कोरोना मरीजों के डेटा का विश्लेषण किया था, जिसमें सामने आया कि शुरुआती अवस्था में 43% मरीजों ने न्यूरोलॉजिकल लक्षणों का सामना किया। जबकि 63% मरीजों को ये समस्याएं अस्पताल में रहने की वजह से हुई। अध्ययन में सामने आया कि कोरोना मरीजों को शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस जैसी समस्याएं भी झेलनी पड़ी।
दिमाग में बन रहे खून के थक्के
कोरोना मरीजों में ब्लड क्लॉट (Blood Clot) यानि दिमाग की नसों में खून के थक्के भी बन रहे हैं। ऐसे में वैज्ञानिक ब्रेन फॉग के लिए ब्लड क्लॉट को ही जिम्मेदार मान रहे हैं। इसके कारण पहले फेफड़ों व गले में सूजन की दिक्कत आती है उसके बाद खून गाढ़ा होने लगता है। मरीजों को पता भी नहीं चल पाता कि कब उनके शरीर में खून के थक्के जमने लगे हैं। रक्त वाहिकाओं में खून जमने के बाद परेशानियां शुरू हो जाती है।
ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप इस खतरनाक वायरस से बचने के लिए वैज्ञानिकों द्वारा बताए गए सभी नियमों का पालन करें।