कोरोना के चैन को तोड़ने के लिए पंजाब में लॉक डाउन की समय सीमा बढ़ा दी गई है। इसी दौरान पंजाब के पटियाला में निहंग सिखों के हमले में एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ है। जिसने हर किसी को इंसानियत और फर्ज के नए पहलू सीखा दिए है। दरअसल, इस हमले में एएसआई हरजीत सिंह ने अपनी ड्यूटी निभाने के लिए जान की बाजी लगा दी। किसी ने उनका हाथ काट दिया और तब भी वो अपने फर्ज से पीछे नहीं हटे, वो अपना हाथ लेकर बिना किसी एम्बुलेंस का इंतजार किए बस स्कूटी पर बैठे और अपने सहकर्मी से कहा- अस्पताल ले चलो।
कैसे हुआ हादसा
दरसअल, एएसआई हरजीत सिंह और उनके सहकर्मी लॉक डाउन ड्यूटी के लिए सुबह-सुबह से ही तैनात थे। कुछ लोग बाइक पर आए और लड़ना शुरू हो गए। फिर निहंग सिखों ने उनपर और उनकी टीम पर हमला कर दिया। हथियार और तलवार भी निकाल लिए। इसी बीच किसी ने हरजीत सिंह का हाथ काट दिया।
चंडीगढ़ पीजीआई में है भर्त
जैसे ही हादसा हुआ, उन्होंने अपना हाथ लेकर बिना किसी एम्बुलेंस का इंतजार किए बस स्कूटी पर बैठे और अपने सहकर्मी से कहा- अस्पताल ले चलो। रास्ते में ही चंडीगढ़ पीजीआई की एम्बुलेंस उन्हें मिल गई। उन्होंने पूरी बात डॉक्टर को बताई और उनका इलाज शुरू हुआ।
आरोपी को जरूर मिलेगी सजा
वहीं पंजाब के स्पेशल चीफ सेक्रटरी केबीएस सिद्धू ने कहा है कि 'बलबेरा के गुरुद्वारे से 7 निहंगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से एक पुलिस फायरिंग में घायल हो गया था और उसे अस्पताल ले जाया गया है। यह पूरा ऑपरेशन आईजी पटियाला जोन जतिंदर सिंह औलख की देख-रेख में चल रहा है।' बतादें कि आरोपी के खिलाफ हत्या के प्रयास के तहत केस दर्ज किया गया है।ऐसे दर्दनाक हमले के बाद तो आरोपी को सजा मिलनी ही चाहिए।