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शरीर के इस हिस्से में न बांधे काला धागा, वरना शनिदेव की क्रूर दृष्टि का सामना करना पड़ेगा!

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 27 Oct, 2024 01:56 PM
शरीर के इस हिस्से में न बांधे काला धागा, वरना शनिदेव की क्रूर दृष्टि का सामना करना पड़ेगा!

नारी डेस्क: काला धागा पहनने की परंपरा भारतीय संस्कृति में काफी पुरानी है। विशेषकर माताएं अपने बच्चों को बुरी नजर से बचाने के लिए उनकी कमर या गर्दन पर काला धागा बांधती थीं। आजकल यह ट्रेंड युवा पीढ़ी में भी फैल गया है, जहां लोग हाथ और पैरों में काला धागा बांधते देखे जा सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शरीर के कुछ हिस्सों में काला धागा नहीं बांधना चाहिए? आइए जानते हैं इसके पीछे के कारण और सही तरीके।

काला धागा और शनिदेव का संबंध

काला धागा शास्त्रों में कर्मफल दाता शनिदेव का प्रतीक माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, जिन लोगों की कुंडली में शनि की स्थिति मजबूत नहीं होती, उन्हें काले कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और उनकी क्रूर दृष्टि से बचाया जा सकता है।

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पैरों में काला धागा न बांधने के कारण

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पैर में काला धागा बांधने से शनि की अशुभ दृष्टि का सामना करना पड़ सकता है। ऐसा माना जाता है कि जब कोई व्यक्ति अपने पैरों में काला धागा बांधता है, तो उसका शनि उन पैरों में आ जाता है। इस स्थिति में व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यहां तक कि उनके हर काम में रुकावट आ सकती है, जिससे व्यक्ति हमेशा तनाव में रहेगा। इसलिए पैरों में काला धागा पहनना उचित नहीं है।

काला धागा बांधने के सही स्थान

हाथ

काला धागा हाथ पर बांधना एक अच्छा विकल्प है। यह न केवल बुरी नजर से बचाता है, बल्कि इसे एक सुरक्षा कवच की तरह भी माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इसे बांधने से कुंडली में शनि, राहु और केतु के अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है। कई लोग मानते हैं कि यह उनके कार्यों में सकारात्मकता लाता है और आत्मविश्वास को बढ़ाता है। हाथ पर बांधने से व्यक्ति मानसिक रूप से भी मजबूत महसूस करता है, जिससे वह अपने कार्यों में और बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।

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गला

गले में काला धागा बांधने से भी कोई नुकसान नहीं होता। यह आपको नजर से बचाने में मदद करता है और आपको नकारात्मक ऊर्जा से दूर रखता है। गले पर काला धागा बांधने से आप मानसिक शांति का अनुभव करते हैं। कई लोग इसे एक ताबीज की तरह मानते हैं, जो उन्हें सुरक्षा प्रदान करता है। इसके अलावा, यह धागा आपके व्यक्तित्व में एक खास आकर्षण भी जोड़ता है, जिससे आप अधिक आत्मविश्वासी महसूस करते हैं।

कमर

बच्चों की कमर पर काला धागा बांधना एक पारंपरिक तरीका है। इससे बच्चे को बुरी नजर से बचाने के साथ-साथ सेहत में भी सुधार होता है। यह माना जाता है कि काला धागा कमर पर बांधने से बच्चे की ऊर्जा स्तर को बनाए रखने में मदद मिलती है और उनके विकास में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही, यह उन्हें किसी भी नकारात्मकता से बचाने का काम करता है, जिससे वे अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं। माता-पिता अक्सर अपने बच्चों की कमर पर यह धागा बांधते हैं ताकि वे स्वस्थ और खुश रहें।

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काला धागा पहनने की परंपरा को ध्यान में रखते हुए सही स्थान पर इसे बांधना आवश्यक है। पैरों में काला धागा बांधने से आप शनिदेव की क्रूर दृष्टि का सामना कर सकते हैं, जबकि हाथ, गले या कमर पर बांधने से आप सुरक्षित रह सकते हैं। इस परंपरा का सही ज्ञान आपको मानसिक और शारीरिक दोनों प्रकार से संतुलित रख सकता है।

 

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