महिलाओं को हर महीने पीरियड्स के दर्द से गुजरना पड़ता है। इस दौरान पीरियड का ब्लड अलग-अलग कलर का होता है। ये ब्लैक ब्राउन जैसे कई कलर्स का हो सकता है, जो की आपके हेल्थ के बारे में काफी कुछ बताते हैं। इसलिए हमें इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। हार्मोन चेंज होने की वजह से ब्लड का टेक्सचर और कलर बदलता रहता है। ब्लड के कलर में बदलाव महिला की डाइट, उम्र, लाइफस्टाइल और वातावरण पर भी डिपेंड करता है। हालांकि इन्फेक्शन, प्रेग्नेंसी और कुछ चुनिंदा केसस में सर्वाइकल कैंसर की वजह से भी खून के रंग में बदलाव हो सकता है। आइए जानते हैं कि पीरियड के दौरान ब्लड का कौन सा रंग क्या संकेत देता है....
डार्क रेड
लाल और गाढ़ा लाल रंग खून हेल्दी पीरियड का संकेत देता है। अगर पीरियड के दौरान आ रहा खून डार्क रेड है तो इसका मतलब ये है कि वो बिल्कुल ताजा है। ऐसे रंग का खून पीरियड के शुरुआती दिनों में देखा जा सकता है, जब हैवी ब्लीडिंग होती है।
काला
काले रंग के ब्लड का मतलब है कि लंबे समय के बाद यूट्रस से खून निकला है, इसलिए ये ज्यादा ऑक्सिडाइज्ड होता है। ये आमतौर पर ऐसी औरतों में देखा जाता है, जिसके पीरियड्स नियमित तौर पर नहीं आते। पीरियड्स मिस होने की वजह से उनके यूट्रस में खून हो जाता है और जब वह बाहर आता है, तो वह ब्लैक कलर का दिखता है।
ब्राउन
ब्राउन कलर का ब्लड आपके पीरियड के शुरुआती दिनों में या फिर आखिरी दिनों में आता है। यह बताता है कि आपका खून पुराना हो चुका है, ऐसी स्थिति में घबराने वाली बात नहीं है।
पिंक
अगर पीरियड ब्लड का रंग पिंकिश या गुलाबी हो तो उसके रक्त में सर्वाइकल फ्लूइड शामिल होने की संभावना हो सकती है। हालांकि अगर ब्लड फ्लो सामान्य से हल्का है तो एस्ट्रोजन के लेवल को इसका कारण माना जा सकता है।
ऑरेंज
ऑरेंज ब्लड इन्फेक्शन, सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इनफेक्शन (STI) या बैक्टीरियल इंफेक्शन के होने का संकेत हो सकता है। शायद इस खून से कुछ अजीब गंध भी महसूस हो।