डिलीवरी के बाद भी महिलाओं को अपनी सेहत का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। असल में, डिलीवरी के समय महिलाओं को शरीर की करीब 20 हड्डियां टूटने जितना दर्द होता है। इसके कारण बॉडी में बहुत ही कमजोरी आ जाती है। ऐसे में सेहत को सही रखने व जल्दी रिकवरी के लिए जापे के समय खाने में पौष्टिक चीजों को शामिल करना बेहद जरूरी है। इसके लिए गुड़ को काफी फायदेमंद माना जाता है। इसमें विटामिन, कैल्शियम, आयरन, एंटी-ऑक्सीडेंट,एंटी-बैक्टीरियल गुण होने से शरीर को ताकत मिलने के साथ जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है। मगर कहीं आप गुड़ पसंद नहीं करती है तो इससे लड्डू बनाकर खा सकती है। तो चलिए जानते हैं इसे बनाने की रेसिपी...
लड्डू बनाने की विधि:
गुड़- 2 किलो
खसखस- 50 ग्राम
घी- 1 किलो
सूखे मेवे (काजू, बादाम, खजूर, छुहारा, मखाना, खरबूज के बीज)- 250 ग्राम (बारीक कटे)
कलौंजी- 1 बड़ा चम्मच
नारियल- 2 बडे़ चम्मच (बारीक कटा)
सौंठ पाउडर- 3 बड़े चम्मच
विधि:
1. सबसे पहले गुड़ को पीस लें।
2. पैन में खसखस और कलौंजी अलग-अलग भून कर बाउल में निकाल लें।
3. अब पैन में घी गर्म करके ड्राई फ्रूट्स को भूनें।
4. अब एक बड़े बर्तन में बाकी का घी गर्म करके उसमें आधा पीसा गुड़ डालें।
5. फिर उसमें सौंठ पाउडर डालकर मिलाएं।
6. अब इसमें ड्राई फ्रूट्स, खसखस, कलौंजी और बाकी का गुड़ मिलाकर थोड़ा ठंडा होने दें।
7. फिर हाथों पर घी लाकर अपनी मनपसंद शेप के लड्डू तैयार करें।
7. तैयार गुड़ के लड्डू के एयर टाइट डिब्बे में बंद करके रखें।
8. लीजिए आपके गुड़ के लड्डू बन कर तैयार है।
गुड़ के लड्डू खाने का सही तरीका...
आप इसे गुनगुने दूध के साथ खा सकती है। रोजाना 1 गिलास दूध के साथ 1 लड्डू खाएं।
तो चलिए अब जानते हैं डिलीवरी के बाद गुड़ खाने के फायदों के बारे में...
1. डिलीवरी के बाद महिलाओं को कब्ज की शिकायत रहती है। ऐसे में इसे खाने के पाचन तंत्र मजबूत होने में मदद मिलती है। ऐसे में कब्ज, एसिडिटी, पेट दर्द आदि परेशानियों से आराम रहता है।
2. ब्रेस्ट मिल्की में वृद्धि होगी।
3. गुड़ खून साफ करने के साथ शरीर में मौजूद गंदगी को बाहर निकालने में मदद करता है। ऐसे में बॉडी डिटाॅक्स होती है।
4. डिलीवरी के दौरान शरीर से ब्लड लॉस होने के कारण ये लड्डू खाने से खून की कमी पूरी होने में मदद मिलती है। ़
5. गुड़ में आयरन, विटामिन, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। ऐसे में इसके सेवन से इम्यूनिटी बढ़ने के साथ थकान, कमजोरी व मौसमी बीमारियों से बचाव रहता है।
आपको हमारा आर्टिकल कैसा लगा हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।