बीते दिन पूरे अनुष्ठान और प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में अयोध्या में रामलला की मूर्ति का प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम समाप्त हो गया है। अयोध्या में स्थापित हुई भगवान श्रीराम की मूर्ति देख हर कोई मंत्र मुग्ध हो गया है। मूर्ति इतनी प्यारी है कि उसकी छवि अपने दिल से भूला पाना मुमकिन है। यह मूर्ति कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई है। मूर्ति बनाने वाले अरुण ने कहा कि भगवान राम का आशीर्वाद हमेशा उनके साथ रहा है।
'मैं अब इस धरती पर सबसे भाग्यशाली व्यक्ति हूं'
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मूर्तिकार अरुण योगीराज ने कहा कि - 'मुझे लगता है कि मैं अब इस धरती पर सबसे भाग्यशाली व्यक्ति हूं, मेरे पूर्वजों, परिवारों के सदस्यों और भगवान रामलला का आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ रहा है। कभी-कभी मुझे लगता है कि मैं सपनों की दुनिया में हूं।'
अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई मूर्ति की हुई प्राण-प्रतिष्ठा
आपको बता दें कि इससे पहले राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया था कि कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज की बनाई गई मूर्ति को ही गर्भगृह में रखा जाएगा। राम मंदिर में लगने वाली मूर्ति को बनाने में तीन मूर्तिकार लगे हुए थे। कर्नाटक के अरुण योगीराज, गणेश भट्ट और जयपुर के सत्यनारायण पांडेय। इन तीनों ने भगवान की अलग-अलग मूर्ति बनाई थी जिसमें अरुण योगीराज की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की गई है।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने जताई खुशी
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बाकी दो मूर्तिकारों की मूर्ति को भी राम मंदिर में रखने की बात कही थी। इससे पहले कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा ने एक पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने अरुण योगीराज की बनाई मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा होने की बात कही थी।
गौरतलब है कि बीते दिन रामलला प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पूरा हो गया है। इस दौरान राम मंदिर और पूरे अयोध्या में एक अलग ही नजारा देखने को मिला। वहीं बीते दिन लोगों ने घरों में दीए जलाकर इस दिन को और भी यादगार बनाया ।