भले ही समाज कितना भी मॉर्डन हो जाए लेकिन भारत में आज भी कई लोग काला जादू जैसी चीजों पर विश्वास करते हैं। हैरानी की बात तो यह है कि लोगों की इस घटिया सोच की बलि सबसे ज्यादा बच्चे ही चढ़ते हैं। इस संदर्भ में कानपूर से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 7 साल की बच्ची के साथ पहले दुष्कर्म किया गया और फिर उसकी बेहरमी से हत्या कर दी गई।
काले जादू की भेंट चढ़ी 7 साल की बच्ची
खबरों के मुताबिक, कानपूर के घाटमपुर गांव में काले जादू के नाम पर एक 7 साल की हत्या कर दी गई। पुलिस ने इस मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें से एक आरोपी महिला है। पुलिस ने रविवार को आरोपी पुरुषोत्तम और शक के आधार पर उसकी पत्नी को भी गिरफ्त में ले लिया है। पुलिस को इस घटना की जानकारी अंकुल कुरील (20) और बीरन (31) नामक व्यक्तियों ने दी थी।
पहले बलात्कार और फिर गला दबाकर की हत्या
उन्होंने बताया कि पहले बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और फिर गला दबाकर उसे जान से मार दिया गया। उनकी हैवानियत यही नहीं रूकी। इसके बाद दरिंदों ने बच्ची का लिवर निकालकर मुख्य आरोपी पुरुषोत्तम को दे दिया, जिसे काले जादू के लिए इसकी जरूरत थी। मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी बच्ची को दीपावली की शाम करीब छह बजे पटाखा दिलाने के बहाने ले गया था। बच्ची का शव रविवार सुबह खून से लथपथ खेत में पड़ा मिला। बच्ची की हत्या के बाद अरोपियों ने पेट फाड़कर फेफड़ा, लिवर और दिल, तिल्ली, छोटी और बड़ी आंत भी निकाल ली थी। बच्ची के शरीर से अंग निकालकर कुछ आरोपियों तो कुछ कुत्तों को खिला दिए गए।
बच्ची का लिवर निकालकर कर रहे थे काला जादू
जानकारी के मुताबिक, शादी के कई साल तक जब पुरुषोत्तम के कोई संतान नहीं हुई तब किसी ने उसे काले जादू की सलाह दी। इसके लिए उसे बच्ची के लिवर की जरूरत थी तो उसने अपने भतीजे अंकुल और उसके दोस्त बीरन को अपनी पड़ोसी की बच्ची अगवा करने के लिए कहा। बच्ची को अगवा करने के लिए अंकुल ने अपने दोस्त के साथ मिलकर पहले बच्ची के साथ बलात्कार किया और फिर उसकी हत्या कर लिवर निकालकर पुरुषोत्तम को दे दिया।
हालांकि शुरूआत में पुरुषोत्तम अपना जुर्म मामने से इंकार कर दिया था लेकिन पुलिस की सख्ती के बाद उसने सारी सच्चाई बताई। वहीं पुलिस ने आरोपियों पर हत्या, शव छिपाने, दुष्कर्म व पाॅक्सो एक्ट की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया है। फिलहाल पुलिस आगे की कार्यवाही कर रही है और यह पता लगाने में जुटी है कि पुरुषोत्तम को काले जादू की सलाह कितने दी थी।