कोरोना वायरस के चलते 22 मार्च जनता कर्फ्यू से लॉकडाउन कर दिया गया था और लोगों को अपने घरों के अंदर रहने की हिदायत दे दी गई थी। यहां तक की लॉकडाउन के चलते फैक्ट्रियों व कारखानों पर भी ताले लगा दिए गए थे। जब लोग बीमारी से बचने के लिए अपने घरों के अंदर बंद थे तब प्राकृति को खुली हवा में सांस लेने का मौका मिल गया। वाहनों के पहिए, कारखानों से निकलता धुआं व पानी बंद हुआ तो शहरों से प्रदूषण का कोहरा साफ होने लगा। नतीजन, शहरों की आवो-हवा इतनी साफ हो गई, जितनी पिछले कुछ सालों में नहीं थी।
मगर, लॉकडाउन खुलने से फिर एक बाद प्रदूषण को न्योता दे दिया है। अब जब लोगों ने फिर से वाहनों की चाबी हाथ में ले ली है तो प्राकृति के मुंह पर ताला लग गया है। कारखानों के दरवाजे खुलते ही नदियों का साफ पानी फिर से काला होना शुरू हो गया है। जी हैं, अभी अनलॉकडाउन हुए कुछ ही हुए हैं कि प्रदूषण का स्तर फिर से बढ़ना शुरू हो गया है।
अब नीले आसमान पर फिर से प्रदूषण का कोहरा छाने लगा है। जी हां, लॉकडाउन में ढील देने के बाद से प्रदूषण में फिर से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवॉयरमेंट (CSE) की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और बेंगलूरू जैसी बड़े शहरों में पीएम 2.5 स्तर में करीब 45-88% कमी देखने को मिली थी लेकिन लॉकडाउन के चौथे चरण में इसका स्तर 6-8% काफी बढ़ गया है।
फिर से बढ़ते इस प्रदूषण को अभी भी रोका जा सकता है। देखा जाए तो प्रदूषण को रोकना इतना मुश्किल काम भी नहीं है। चलिए आपको बताते हैं कि कैसे आप बढ़ते प्रदूषण को रोक सकते हैं।
. इसके लिए कूड़ा-कर्कट, पॉलीथीन वगैहर को खुले में ना फेंके। साथ ही प्लास्टिक को रिसाइकल होने में काफी समय लग जाता है इसलिए इधर-उधर ना जलाएं या फेंके।
. लॉकडाउन का समय गार्डनिग के लिए बिल्कुल सही है इसलिए ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाएं।
. वाहनों का जितना हो सके कम इस्तेमाल करें। साथ ही अगर आपका वाहन खराब है तो उसे ठीक करवाएं क्योंकि वह ज्यादा प्रदूषण छोड़ता है।
. कंजूसी छोड़कर अपने वाहन के लिए अच्छी क्वॉलिटी का डीजल-पैट्रोल यूज करें, ताकि प्रदूषण को बढ़ने से रोका जा सके। इसके अलावा अपने वाहन का पॉल्यूशन रेट भी समय-समय पर चेक करवाते रहें।
अगर आप बढ़ने प्रदूषण को रोकने के लिए आज अपना योगदान नहीं देंगे तो वह दिन दूर नहीं जब हमारी आने वाली पीढ़ि को इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे। ऐसे में प्रदूषण रोकने में अपना सहयोग दें।