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PhD को लेकर बदला नियम, अब ग्रेजुएशन के बाद भी छात्र ले सकते हैं डायरेक्ट एडमिशन

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 22 Apr, 2024 10:48 AM
PhD को लेकर बदला नियम, अब ग्रेजुएशन के बाद भी छात्र ले सकते हैं डायरेक्ट एडमिशन

चार वर्षीय स्नातक डिग्री वाले छात्र अब सीधे राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) में शामिल होने के साथ ही पीएचडी भी कर सकते हैं।  विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने बड़ा फैसला लिया है। यूजीसी नेट जून परीक्षा 2024 के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी हैं। इच्छुक व योग्य उम्मीदवार ugcnet.nta.ac.in पर एप्लिकेशन फॉर्म भर सकते हैं। 

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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने बताया कि जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) के साथ या उसके बिना पीएचडी करने के लिए अभ्यर्थियों को अपने चार साल के स्नातक पाठ्यक्रम में न्यूनतम 75 प्रतिशत अंक या समकक्ष ग्रेड की आवश्यकता होगी। अब तक नेट के लिए अभ्यर्थी को न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातकोत्तर डिग्री की आवश्यकता होती थी।

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जगदीश कुमार ने बताया कि- ‘‘चार साल की स्नातक डिग्री वाले अभ्यर्थी अब सीधे पीएचडी कर सकते हैं और नेट परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। ऐसे उम्मीदवारों को जिस भी विषय में वे पीएचडी करना चाहते हैं, उसमें करने की अनुमति होगी भले ही उन्होंने किसी भी विषय में चार वर्षीय स्नातक डिग्री प्राप्त की हो।'' यूजीसी अध्यक्ष ने कहा- ‘‘चार साल या आठ सेमेस्टर के स्नातक डिग्री कार्यक्रम में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवारों के पास कुल मिलाकर न्यूनतम 75 प्रतिशत अंक या इसके समकक्ष ग्रेड प्राप्त होना चाहिए।'' 

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कुमार ने कहा कि यूजीसी द्वारा समय-समय पर लिए गए निर्णय के अनुसार अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), ओबीसी (नॉन-क्रीमी लेयर), दिव्यांग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और कुछ अन्य श्रेणियों के उम्मीदवारों के लिए पांच प्रतिशत अंक या इसके समकक्ष ग्रेड की छूट दी जा सकती है। नए सत्र यानी 2024-25 से हर यूनिवर्सिटी के पास यह अवसर होगा कि वह NET स्कोर के आधार पर ही योग्य उम्मीदवार को पीएचडी में एडमिशन दें। 

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