लंबी सांस लेने से फेफड़े मजबूत होते हैं। फेफड़ों में करीब 7.5 करोड़ छोटे-छोटे छिद्र होते हैं। इनका आकार मधुमक्खी के छत्ते जैसा होता है। इन्हें एल्वियो लाइसैक्स कहते हैं। अगर कोई व्यक्तिसामान्य रूप से सांस लेता है तो करीब 2 से 2.5 करोड़ ही छिद्र सक्रिय रहते हैं। बाकी के छिद्र सक्रिय नहीं रहते हैं इसलिए इनमें संक्रमण की आशंका ज्यादा रहती है। नियमित व्यायाम या योग-प्राणायाम से लंबी सांस लेते हैं। इससे सभी छिद्र सक्रिय रहते हैं। प्रायाणाम इसमें अधिक कारगर है। रोजाना तीन बार शंख बजाने से भी फेफड़ों को लाभ मिलता है।
फेफड़ों की सफाई के लिए प्राणायाम अच्छा आसन है। इसमें गहरी श्वांस लेते हैं। शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है जो फेफड़ों को साफ करती है। सांस लेने और छोडऩे का तरीका किसी योग विशेषज्ञ से जरूर सीख लें।
इस क्रिया को रोजाना कम से कम पांच मिनट करें। फेफड़ों की सफाई के साथ नाड़ी की भी सफाई होती है जिससे मन-मस्तिष्क को भी शांति मिलती है। फेफड़ों की ब्लॉकेज खुलता है। नर्वस सिस्टम व पाचन क्रिया भी दुरुस्त होती है।
यह फेफड़ों की मजबूती के लिए अच्छा आसन है। संपूर्ण शरीर और मस्तिष्क के शुद्धीकरण के लिए अनुलोम-विलोम प्राणायाम उपयोगी है। तन-मन दोनों को तनावमुक्त करता है। सुबह-शाम 10-15 मिनट तक कर सकते हैं।
Subscribe to our email newsletter today to receive updates on the latest news!
लेकिन, अगर आपने गलती से "Block" सिलेक्ट किया था या फिर भविष्य में आप नोटिफिकेशन पाना चाहते हैं तो नीचे दिए निर्देशों का पालन करें ।