दीवाली का त्योहार आने वाला है। ऐसे में दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों में प्रदूषण की समस्या भी बढ़ रही है। दीवाली के आस-पास ये प्रदूषण बहुत ही खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है। जहरीली हवा के कारण सांस लेना मुश्किल हो जाता है। वायु प्रदूषण के कारण भी कई तरह की समस्याओं को झेलना पड़ सकता है। गले में दर्द, खांसी की समस्या, आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ की समस्या भी हो सकती है। वायु प्रदूषण से बचने के लिए आप कुछ योगासन नियमित रुप से करके समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में...
करें अनुलोम-विलोम
आप नियमित रुप से अनुलोम विलोम करके वायु प्रदूषण के खतरे से बच सकते हैं। नियमित अनुलोम-विलोम करने से आपको सांस संबंधी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। एक्सपर्ट्स के अनुसार, रोज 5-7 मिनट तक अनुलोम-विलोम करने से फेफड़े मजबूत बनते हैं। रोजाना इस योगासन के साथ आप वायु प्रदूषण से होने वाले प्रभाव से बच सकते हैं।
भस्त्रिका
फेफड़ों को मजबूत करने के लिए भस्त्रिका भी बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। इस प्राणायाम को नियमित करने से पेट की चर्बी भी कम होती है। भस्त्रिका तेजी से किया जाता है, जिससे आपकी भूख बढ़ती है। साथ ही नाड़ी प्रवाह को भी शुद्ध करने में यह सहायता करता है। इस प्राणायाम को नियमित करने से सांस संबंधी परेशानियां दूर होती हैं। वायु प्रदूषण के असर को कम करने के लिए आप नियमित तौर से थोड़ी देर भस्त्रिका प्राणायाम जरुर करें।
वाह्य
फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए और वायु प्रदूषण का असर कम करने में यह प्राणायाम बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। नियमित इस आसन को करने से फेफड़ों में आसानी से हवा भरी जाती है।
कैसे करें?
. सबसे पहले आप बैठ जाएं और गहरी सांस लें।
. इसके बाद सांस को रोकते हुए 3 बार छोड़ें ।
. पेट से हवा को निकालें।
. इसके बाद चिन से अपने सीने को छुएं।
. पेट को अंदर करके थोड़ा ऊपर की ओर खींचे।
. इस बात का ध्यान रखें कि फेफड़ों में अच्छे से हवा भर लें।
. फिर इसी हवा को 3-4 बार के लिए छोड़ें।
. इस प्राणायाम के साथ आप वायु प्रदूषण के असर को कम कर सकते हैं।
कपालभाति
कपालभाति के निरंतर प्रयास से भी आप वायु प्रदूषण से बच सकते हैं। इस आसन को करने से आपके शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ेगी। साथ ही इससे आपका मन भी शांत होगा। रक्त को साफ करने के लिए भी यह प्राणायाम बहुत ही अच्छा माना जाता है।
कोबरा पोज
कोबरा मुद्रा को भुजंगासन भी कहते हैं। फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए यह आसन बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। यह वायुमार्ग को साफ करके फेफड़ों को मजबूत बनाने में भी सहायता करता है। इसके नियमित अभ्यास से आपका मन शांत रहता है और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी यह प्राणायाम बहुत ही फायदेमंद माना जाता है।