दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंचने के बाद डूब क्षेत्र में रहने वाले हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है सरकार ने लगभग 2,700 केंद्र/तंबू स्थापित किए हैं और फिलहा लगभग 27,000 व्यक्तियों ने इन आश्रयों में रहने के लिए पंजीकरण कराया है।
उत्तर भारत में भारी बारिश के कारण यमुना के जल स्तर में तेजी से वृद्धि हुई है। इसके अलावा, हथिनीकुंड बैराज से लगातार अच्छी खासी मात्रा में जल छोड़ा जा रहा है, जिसकी वजह से दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच रहा है।'' प्रभावित लोगों को दिल्ली के पूर्वी, उत्तरी, उत्तर-पूर्वी, दक्षिण-पूर्वी, मध्य और शाहदरा जिलों में स्थानांतरित किया जा रहा है, जहां उनके लिए 2,700 से अधिक तंबुओं की व्यवस्था की गई है।
उत्तरी जिले में आश्रय स्थल भी तैयार किए गए हैं जहां भोजन, पानी और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को यमुना नदी का जलस्तर 206 मीटर के निशान को पार कर गया। अधिकारियों ने बताया कि एहतियातन ‘ओल्ड रेलवे ब्रिज' को सड़क व रेल यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।
दिल्ली की यातायात पुलिस ने ट्वीट किया, ‘‘ यमुना नदी में पानी के खतरनाक स्तर के कारण ‘ओल्ड रेलवे ब्रिज' पुश्ता रोड, गांधी नगर को अगले आदेश तक सार्वजनिक/यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे तदनुसार अपनी यात्रा की योजना बनाएं।''
यातायात पुलिस ने यात्रियों से बंगला साहिब गुरुद्वारा और रकाबगंज गुरुद्वारे में गुरुपर्व समारोह के मद्देनजर बाबा खड़क सिंह मार्ग, पंडित पंत मार्ग आदि से बचने को भी कहा। दिल्ली में नदी का पानी अनुमान से पहले सोमवार शाम को खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया था।
वहीं इसी बीच दिल्ली में निगमबोध घाट का एक हिस्सा जलमग्न हो गया, जिसके चलते श्मशान के उस हिस्से में दाह संस्कार संबंधी गतिविधियां नहीं की जा सकेंगी।